नई दिल्ली : इजरायल से जारी जंग के बीच ईरान ने अब अपने नागरिकों से अपने मोबाइल और अन्य डिवाइस से व्हाट्सएप डिलीट करने को कहा है। ईरान के सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित इस अपील में आरोप लगाया गया है कि यह ऐप बिना किसी विशेष सबूत के इजरायल को भेजने के लिए उपयोगकर्ता की जानकारी एकत्र करता है। हालांकि व्हाट्सएप ने इन्हें खारिज किया है।
व्हाट्सएप ने कहा है कि वह चिंतित है कि ये झूठी रिपोर्टें हमारी सेवाओं को उस समय अवरुद्ध करने का बहाना होंगी जब लोगों को उनकी सबसे अधिक आवश्यकता है। व्हाट्सएप एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का उपयोग करता है। बयान में यह भी कहा गया है कि हम आपके सटीक स्थान को ट्रैक नहीं करते हैं, हम यह रिकॉर्ड नहीं रखते हैं कि हर कोई किसको संदेश भेज रहा है और हम उन व्यक्तिगत संदेशों को ट्रैक नहीं करते हैं जो लोग एक-दूसरे को भेज रहे हैं। इसके अलावा हम किसी भी सरकार को जानकारी प्रदान नहीं करते हैं।
व्हाट्सएप का स्वामित्व मेटा प्लेटफॉर्म के पास है, जो फेसबुक और इंस्टाग्राम की मूल कंपनी है। ईरान ने पिछले कुछ सालों में कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक पहुंच को अवरुद्ध कर दिया है, लेकिन देश में कई लोग उन तक पहुंचने के लिए प्रॉक्सी और वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क या वीपीएन का इस्तेमाल करते हैं।
इस बीच इजरायल ने दावा किया है कि उसने ईरान के एक शीर्ष जनरल को मार गिराया है। शीर्ष सैन्य अधिकारी का नाम जनरल अली शादमानी है। वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेहरान के नागरिकों को शहर खाली करने की चेतावनी दी और ईरान से बिना शर्त आत्मसमर्पण की मांग की है। वाशिंगटन वापसी के दौरान विमान में पत्रकारों से ट्रंप ने कहा, “मैं युद्ध विराम की उम्मीद नहीं कर रहा हूं।
हम युद्ध विराम से बेहतर की उम्मीद कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि अमेरिका संघर्ष का “वास्तविक अंत” देखना चाहता है जिसमें ईरान का “पूरी तरह से आत्मसमर्पण” शामिल हो सकता है। उन्होंने आगे कहा: “मैं बातचीत करने के मूड में नहीं हूं।”
ईरान की सेना के कमांडर इन चीफ जनरल अब्दुल रहीम मौसवी ने एक वीडियो में कहा, “अब तक किए गए ऑपरेशन केवल चेतावनी और रोकथाम के उद्देश्य से किए गए हैं। दंडात्मक कार्रवाई जल्द ही की जाएगी।”