नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक में तीन पदक जीतने के बाद 23 भारतीय निशानेबाज सोमवार से कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में शुरू होने जा रहे विश्वकप फाइनल्स में निशाना साधने जा रहे हैं। हालांकि ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर, स्वप्निल कुसाले और सरबजोत सिंह फाइनल्स में नहीं खेलेंगे, लेकिन पेरिस में खेलने वाले नौ भारतीय निशानेबाज देश के लिए दावेदारी पेश करेंगे।
इनमें रिद्म सांगवान (10 मीटर एयरपिस्टल, 25 मी. पिस्टल), 10 मी. एयरराइफल में चौथे स्थान पर रहने वाले अर्जुन बबूटा, अर्जुन चीमा (10 मी. एयरपिस्टल), अनीश, विजयवीर सिद्धू (25 मी. पिस्टल), अनंतजीत सिंह नरूका, महेश्वरी चौहान (स्कीट), राजेश्वरी कुमारी, श्रेयसी सिंह (ट्रैप) शामिल हैं।
टूर्नामेंट में 37 देशों के 131 शूटर भाग ले रहे हैं। इनमें ओलंपिक पदक विजेता तुर्किये के युसुफ डिकेच, हंगरी की मेजर वेरोनिका, स्वीडन के विक्टर लिंडग्रेन जैसे शूटर शामिल हैं। एनआरएआई के अध्यक्ष कलिकेश सिंह देव के अनुसार टूर्नामेंट में 1.65 करोड़ रुपये की इनामी राशि रखी गई है। स्वर्ण पदक विजेता को 5000 यूरो (लगभग 4.60 लाख रुपये) मिलेंगे। वर्ष के अंतिम टूर्नामेंट फाइनल्स में ओलंपिक पदक विजेता समेत विश्वकप में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शूटर शिरकत करते हैं, लेकिन भारत को मेजबान होने के नाते प्रत्येक इवेंट में दो वाइल्ड कार्ड मिले हैं।
अंतरराष्ट्रीय शूटिंग महासंघ के अध्यक्ष लूसियानो रोसी ने घोषणा की कि एनआरएआई की मांग पर भारत को अगले वर्ष जूनियर विश्व कप की मेजबानी दी जा रही है। रोसी ने यह भी कहा कि 2027 के एक ओलंपिक क्वालिफायर की मेजबानी भी एनआरएआई ने मांगी है। इस पर भी विचार किया जाएगा।
यही नहीं, रोसी ने यह भी बताया कि अगले वर्ष से शूटिंग के कुछ नियमों में परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू होगी। शॉटगन में छह फाइनलिस्ट होते हैं, इन्हें सभी के समान 8 करने का विचार है। इसके अलावा ओलंपिक में शूटऑफ को काफी पसंद किया गया। इसे भी और रोचक बनाया जाएगा। शॉटगन के फाइनल और रोचक और छोटा बनाने की भी योजना है।