नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास सोने की एक बड़ी खेप जब्त की गई है. आईटीबीपी के जवानों ने चीन से तस्करी कर लद्दाख लाए गए 108 किलो सोने की खेप जब्त की है. इस मामले में दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. दोनों आरोपियों को राज्य के लेह जिले के न्योमा सेक्टर में तस्करी करते हुए पकड़ा गया.
आईटीबीपी की 21वीं बटालियन के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से एक किलोमीटर दूर दो तस्करों से 108 किलो सोने की खेप जब्त की. दोनों आरोपियों की पहचान त्सेरिंग चंबा और तेनजिन तारगी निवासी कोयुल, न्योमा के रूप में हुई है. इनके पास से चाइनीज खाने-पीने के सामान के साथ चाकू, हथौड़े और टॉर्च समेत कई सामान बरामद किए गए हैं.
गश्ती दल ने पीछा कर दोनों संदिग्धों को पकड़ा : आईटीबीपी की 21वीं बटालियन ने पूर्वी लद्दाख के दक्षिणी सब सेक्टर के चिसमुल, नरबुला टॉप, जकल और जकला के सीमावर्ती इलाकों में गश्त शुरू की. जिससे धुसपैठ और तस्करी पर लगाम लगाई जा सके. अभी गर्मी का मौसम है और इस समय इस क्षेत्र में तस्करों का आना जाना बढ़ जाता है. वहीं, आईटीबीपी को लद्दाख के सिरिगापाल के पास के इलाके में तस्करी की भी कुछ सूचना मिली थी.
इसके बाद आईटीबीपी डीसी दीपक भट्ट के नेतृत्व में तीन एसओ और 17 ओआर की टीम बनाई गई.आईटीबीपी की टीम दोपहर करीब एक बजे अंतरराष्ट्रीय सीमा से एक किमी दूर सिरिगापाल के इलाके में पहुंची. इसी दौरान टीम को खच्चरों के साथ दो संदिग्ध व्यक्ति मिले. जिसके बाद गश्ती दल ने पीछा कर दोनों संदिग्धों को पकड़ लिया.
108 पीस सोने की छड़ें और चीनी सामान बरामद : पूछताछ में दोनों तस्करों ने बताया कि वे औषधीय पौधे एकत्र कर रहे थे. लेकिन बाद में गश्ती दल को भारी मात्रा में सोना और कई चीनी सामान मिले. गश्ती दल ने दोनों संदिग्धों और जब्त सामान को हिरासत में ले लिया. इसकी जानकारी 21वीं बटालियन के कमांडेंट अजय निर्मलकर को फोन के जरिए दी गई. जिसके बाद हिरासत में लिए गए दोनों आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है.
दोनों तस्करों के पास से आईटीबीपी ने 108 पीस अंतरराष्ट्रीय सोने केबिस्किट बरामद कीं, जिनका कोयुल में आईटीबीपी द्वारा वजन करने पर वजन 108.060 किलोग्राम निकला. इसके अलावा दो मोबाइल, एक दूरबीन, चाकू और हथौड़ा बरामद किया गया. चीनी खाद्य पदार्थ जिसमें एक केक पैकेट, एक लाओ बीजिंग पैकेट, दूध और दो लस्सी पैकेट शामिल हैं, जब्त किए गए. इस गश्त की योजना आईटीबीपी एसएचक्यू श्रीनगर द्वारा बनाई गई थी.