जम्मू : केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। आज मंगलवार (1 अक्तूबर) को तीसरे चरण में 40 सीटों पर मतदान है। जम्मू संभाग की 24 सीटों और उत्तर कश्मीर घाटी की 16 सीटों के मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। तीसरे दौर में कुल 415 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इसके साथ ही सभी 90 विधानसभा सीटों पर मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी। नतीजे 8 अक्तूबर को आएंगे।
जम्मू कश्मीर में तीन चरण में विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं। पहले चरण में 24 सीटों के लिए 18 सितंबर को मतदान कराया गया था। दूसरे चरण में 40 सीटों के लिए 25 सितंबर को मतदान हुआ था। वहीं तीसरे चरण के चुनाव की बात करें तो इसके लिए अधिसूचना 5 सितंबर को जारी हुई। नामांकन की आखिरी तारीख 12 सितंबर रही। 17 सितंबर तक उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस लिया। अब आज यानी अक्तूबर 1 को मतदान है। हरियाणा के साथ ही जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्तूबर को घोषित किए जाएंगे।
जम्मू कश्मीर में तीसरे चरण की 40 विधानसभा सीटें हैं। इस चरण में 39,18,220 मतदाता मतदान करने के पात्र हैं। इनमें से 20,09,033 पुरुष मतदाता, 19,40,092 महिला मतदाता और 57 अन्य मतदाता शामिल हैं। तीसरे दौर में 18 से 19 साल की आयु के 1.94 युवा मतदाता हैं जो पहली बार मतदान करने के लिए पात्र हैं। तीसरे दौर में 35,860 दिव्यांग (PwD) और 85 साल से अधिक आयु के 32,953 मतदाता भी भाग लेंगे।
चुनाव आयोग ने मतदाताओं के सुचारू और परेशानी मुक्त मतदान के लिए कुपवाड़ा, बारामुला, बांदीपोरा, उधमपुर, सांबा, कठुआ और जम्मू के सात जिलों में 5060 मतदान केंद्र बनाए हैं। हर मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी समेत चार चुनाव कर्मचारी तैनात रहेंगे। कुल मिलाकर, तीसरे चरण के चुनाव के लिए 20 हज़ार से ज़्यादा मतदान कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है।
चुनाव आयोग ने कुपवाड़ा, बारामुला, बांदीपोरा, उधमपुर, सांबा, कठुआ और जम्मू के सात जिलों में 5060 मतदान केंद्र बनाए हैं। मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए आयोग ने कुछ विशेष कदम उठाए गए हैं। यहां खास तौर पर महिला केंद्रित पिंक स्टेशन, दिव्यांगों के लिए मतदान केंद्र, युवाओं के लिए मतदान केंद्र और ग्रीन मतदान केंद्र भी बनाए गए हैं। वहीं कश्मीर के प्रवासी मतदाताओं के लिए भी 24 विशेष मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। इनमें जम्मू में 19, दिल्ली में चार और उधमपुर जिले में एक विशेष मतदान केंद्र शामिल हैं।
हर मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी समेत चार चुनाव कर्मचारी तैनात रहेंगे। कुल मिलाकर तीसरे चरण के चुनाव के लिए 20 हजार से ज्दादा मतदान कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है।
जम्मू कश्मीर के तीसरे चरण के चुनाव में कुल 415 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने तीसरे चरण के सभी 415 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, तीसरे दौर में महज 28 यानी सात फीसदी महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं। 415 उम्मीदवारों में से 169 (41%) करोड़पति हैं। तीसरे चरण में चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार की औसत संपत्ति 2.76 करोड़ रुपये है।
एडीआर की रिपोर्ट देखें तो पता चलता है कि तमाम राजनीतिक दलों ने धनी उम्मीदवारों को टिकट दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख दलों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के 18 उम्मीदवारों में से 16 (89%) करोड़पति हैं। इसके अलावा कांग्रेस के 24 उम्मीदवारों में से 19 (79%), भाजपा के 29 उम्मीदवारों में से 22 (76%), पीडीपी के 33 उम्मीदवारों में से 12 (36%) और बसपा के 21 उम्मीदवारों में से सात (33%) के पास एक करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति है।
तीन सबसे धनी उम्मीदवारों की सूची देखें तो इसमें पहला नाम देवेंद्र सिंह राणा का है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के छोटे भाई देवेंद्र जम्मू जिले की नगरोटा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने अपनी संपत्ति 126 करोड़ रुपये बताई है। दूसरे स्थान पर पीडीपी के शब्बीर अहमद हैं। बारामुला जिले की गुलमर्ग सीट से चुनाव लड़ रहे शब्बीर की संपत्ति 53 करोड़ की है। वहीं तीसरे स्थान पर निर्दलीय ताज मोहिउद्दीन हैं। बारामुला जिले की उड़ी सीट से उम्मीदवार मोहिउद्दीन की दौलत 51 करोड़ रुपये की है।
उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता पर गौर करें तो 187(45%) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 5वीं और 12वीं कक्षा के बीच घोषित की है। 214 (52%) उम्मीदवारों स्नातक या उससे ऊपर की डिग्री वाले हैं। चार उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं। नौ उम्मीदवार निरक्षर हैं जबकि एक उम्मीदवार ने खुद को निरक्षर बताया है।
उम्मीदवारों की आयु के बारे में बात करें तो 133 (32%) उम्मीदवारों की आयु 25 से 40 वर्ष के बीच है। 198 (48%) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 41 से 60 वर्ष के बीच बताई है। 84 (20%) उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने अपनी आयु 61 से 80 वर्ष के बीच घोषित की है।
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार,415 उम्मीदवारों में से 67 (16%) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं 52 (13%) उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।