टोक्यो : जापान की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) नेता शिगेरु इशिबा ने सोमवार को जापानी संसद के दोनों सदनों में सर्वाधिक वोट मिलने के बाद उन्हें दोबारा प्रधानमंत्री चुन लिया गया। घोटालों की श्रृंखला में नाम शामिल होने के कारण फुमियो किशिदा ने प्रधानमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था।
उनके पद छोड़ने के बाद 67 वर्षीय इशिबा ने सितंबर में पहली बार प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। एलडीपी नेता ने जापानी डाइट के निचले सदन में विपक्षी नेता योशिहिको नोडा के खिलाफ प्रधानमंत्री पद के लिए वोट में जीत हासिल की थी। सोमवार को संसदीय सत्र से पहले कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया, ताकि प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव कराए जा सकें।
465 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में शुरुआती दौर के मतदान में कोई भी उम्मीदवार बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाया था। हालांकि, इशिबा को 221 और नोडा को 160 वोट मिलने के बाद एलडीपी प्रमुख को विजेता बना दिया गया। इसी के साथ वे जापान के 103वें प्रधानमंत्री बन गए। इस दौरान 84 वोटों को अवैध माना गया। पूर्व वरिष्ठ उप विदेश मंत्री कीसुके सुजुकी को देश का नया कानून मंत्री नियुक्त किया गया, जबकि ताकू एटो फिर एक बार कृषि मंत्री रहेंगे। टेटसुओ सैटो की जगह कोमिटो विधायक हिरोमासा नाकानो को भूमि मंत्री बनाया गया।
प्रतिनिधि सभा में रनऑफ वोटिंग में इशिबा को 221 वोट मिले। बहुमत का आंकड़ा पार न करते हुए भी उन्होंने नोडा से अच्छा प्रदर्शन किया। इशिबा की सरकार जापान में स्थिरता और निरंतरता लाने के लिए इच्छुक है। मौजूदा समय में जापान को मुद्रास्फीति से लेकर चीन, उत्तर कोरिया और रूस से सुरक्षा खतरों जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बार वह अपने कैबिनेट लाइनअप मामूली बदलाव करेंगे। वे केवल उन्हें बदलेंगे जिन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।