पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से रविवार को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया है. हालांकि, बिहार के प्रमुख मुस्लिम धार्मिक संगठनों ने सीएम की इफ्तार पार्टी का बायकॉट करने का फतवा जारी किया है.
मुस्लिम संगठनों की ओर से कहा गया कि उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के विरोध में यह फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि जेडीयू ने वक्फ बोर्ड बिल का समर्थन किया है, जिसके कारण वह इस सरकारी इफ्तार में शामिल नहीं होंगे. मुस्लिम संगठनों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताते हुए इफ्तार पार्टी का बायकॉट करने की बात कही है.
पत्र में कहा गया है कि यह फैसला आपकी ओर से प्रस्तावित वक्फ संशोधन बिल 2024 के समर्थन के खिलाफ विरोध के तौर पर लिया गया है. पत्र लिखने वाले संगठनों में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, इमारत-ए-शरिया, जमीयत उलेमा हिंद, जमीयत अहले हदीस, जमात-ए-इस्लामी हिंद, खानकाह मुजीबिया और खानकाह रहमानी शामिल हैं.
इस पत्र में कहा गया है कि 23 मार्च को सरकारी इफ्तार में शामिल न होने का निर्णय लिया गया है. यह निर्णय वक्फ विधेयक के प्रति आपके (नीतीश कुमार) के समर्थन को देखते हुए लिया गया है, जिससे मुसलमानों का आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ापन बढ़ने का खतरा है.
मुस्लिम संगठनों ने कहा कि आप धर्मनिरपेक्ष तरीके से शासन करने का वादा करके सत्ता में आए हैं, जिसमें अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी. लेकिन भाजपा के साथ आपका गठबंधन और एक ऐसे कानून का समर्थन जो असंवैधानिक और अतार्किक है, आपकी घोषित प्रतिबद्धताओं के खिलाफ है.
वहीं राजद ने इस बायकॉट का समर्थन किया है. राजद ने कहा कि नीतीश कुमार ने हमेशा मुसलमानों के खिलाफ होकर बीजेपी का साथ दिया है. वक्फ संशोधन बिल का समर्थन तो ताजा मामला है, नीतीश कुमार ने तीन तलाक और सीएए पर भी बीजेपी का समर्थन किया था.