झारखंड : विनय चौबे के बाद अब IAS अमित कुमार पर एसीबी का शिकंजा

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रांची : पूर्व उत्पाद आयुक्त रह चुके अमित कुमार से एसीबी ने शराब घोटाला मामले में कई दौर की लगातार पूछताछ की। उनके कार्यकाल में राज्य में शराब आपूर्ति, लाइसेंसिंग और अनुबंध से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए थे। इसी अवधि में फर्जी बैंक गारंटी जमा करने का बड़ा मामला सामने आने के बाद पूरा प्रकरण जांच एजेंसी के रडार पर आया।

जांच में यह सामने आया कि जिन कंपनियों ने शराब आपूर्ति या वितरण के लिए अनुबंध प्राप्त किए थे, उन्होंने नियम के अनुसार असली बैंक गारंटी देने के बजाय कथित रूप से फर्जी या अविश्वसनीय बैंक गारंटी का उपयोग किया। इससे राज्य सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व नुकसान की आशंका जताई गई है।

एसीबी यह जांच कर रही है कि फर्जी बैंक गारंटी किसकी मिलीभगत से स्वीकार की गई और क्या इस पूरी प्रक्रिया में किसी वरिष्ठ अधिकारी की भूमिका संदिग्ध रही। पूछताछ में अमित कुमार से बैंक गारंटी जमा करने की प्रक्रिया, उसके सत्यापन, संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारियां और उस समय लिए गए निर्णयों को लेकर कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे जा रहे हैं।

एसीबी यह भी पता लगाने की कोशिश में है कि क्या इस प्रकरण की जानकारी तत्कालीन विभागीय प्रमुखों को थी और कहीं किसी स्तर पर जानबूझकर लापरवाही तो नहीं बरती गई। सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसी इस पूरे मामले को गंभीर वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार के रूप में देख रही है।

जांच आगे भी जारी रह सकती है, और जरूरत पड़ने पर कुछ अन्य अधिकारियों और संबंधित कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी तलब किया जा सकता है। शराब नीति और लाइसेंसिंग व्यवस्था में संभावित अनियमितताओं को लेकर यह मामला राज्य में बड़ा राजनीतिक और प्रशासनिक विवाद बन चुका है।