रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि सरकार राज्य में कानून के शासन का गला घोंट रही है, जहां संवैधानिक तंत्र ध्वस्त हो गया है। न्यायमूर्ति आनंद सेन ने मुख्य सचिव अलका तिवारी को शहरी स्थानीय निकाय चुनावों से जुड़े हाई कोर्ट के आदेश का पालन न करने के लिए अदालत की अवमानना के आरोपों का सामना करने के वास्ते व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया।
अदालत ने चार जनवरी 2024 को सरकार को निर्देश दिया था कि वह तीन हफ्ते के भीतर शहरी स्थानीय निकाय चुनाव सुनिश्चित करे। मुख्य सचिव को 25 जुलाई को न्यायमूर्ति सेन की अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया गया है। हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार झारखंड में कानून के शासन का गला घोंट रही है और संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है।
अदालत ने यह टिप्पणी पूर्व नगरपालिका वार्ड पार्षद रोशनी खालको की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान की। खालको ने कहा था कि अदालत द्वारा पारित आदेशों के बावजूद लंबे अरसे से लंबित नगरपालिका चुनाव नहीं कराए गए हैं। खालको ने वार्ड पार्षदों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद 2023 में हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने चार जनवरी 2024 को सरकार को तीन हफ्ते के भीतर नगर निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था।
खालको ने 16 जनवरी 2024 को हाई कोर्ट के आदेश का पालन न किए जाने की ओर इशारा करते हुए अवमानना याचिका दायर की। इसके बाद, हाई कोर्ट ने सरकार को चार महीने के भीतर चुनाव कराने का आदेश दिया। झारखंड में आखिरी नगर निकाय चुनाव अप्रैल 2018 में रांची में हुए थे और पार्षदों का कार्यकाल 2023 में समाप्त हो गया था।