JNU में बवाल : ABVP का वामपंथी संगठनों पर आरोप- दुर्गा विसर्जन शोभायात्रा में पत्थरबाजी और जूते-चप्पल दिखाए

JNU-Violence

नई दिल्ली : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने बामपंथी संगठनों पर दुर्गा पूजा विसर्जन शोभायात्रा के दौरान पत्थरबाजी का आरोप लगाया है। विद्यार्थी परिषद ने कहा, आईसा एसएफआई, डीएसएफ समेत अन्य संगठनों ने साबरमती टी-पॉइंट पर शाम सात बजे विसर्जन में शामिल विद्यार्थियों को जूते-चप्पल दिखाए और अभद्र नारेेबाजी की।

एबीवीपी ने आरोप लगाया कि वामपंथी छात्र संगठनो की आेर से की गई पत्थरबाजी में छात्र-छात्राएं घायल हो गईं। एबीवीपी ने दावा किया कि यह हमला केवल शोभायात्रा पर नहीं, बल्कि जेएनयू के सांस्कृतिक सौहार्द और भारतीय परंपराओं पर सोचा-समझा प्रहार था। 

10 दिनों तक जेएनयू परिसर में मां दुर्गा की उपासना शांतिपूर्ण और ढंग से चल रही थी, जिसमें पांच हजार से अधिक विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया था। नवमी पर छात्रों ने प्रसाद ग्रहण किया था, लेकिन वामपंथी संगठनों ने बृहस्पतिवार को हिंसा और अराजकता फैलाकर जेएनयू की इस सकारात्मक छवि को कलंकित किया।

एबीवीपी जेएनयू के अध्यक्ष मयंक पंचाल ने कहा कि जेएनयू का वातावरण हमेशा से विविधता और उत्सवधर्मिता से समृद्ध रहा है। दस दिनों तक विद्यार्थियों ने मां दुर्गा की भक्ति में सहभागिता की, जिससे विश्वविद्यालय का सांस्कृतिक सौंदर्य और अधिक प्रखर हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि वामपंथी छात्र संगठनों ने इस पवित्र आयोजन को भी हिंसा और घृणा से कलंकित किया। एबीवीपी ऐसी सांस्कृतिक आक्रामकता को बर्दाश्त नहीं करेगी।

एबीवीपी जेएनयू के मंत्री प्रवीन पीयूष ने कहा कि बृहस्पतिवार की घटना ने एक बार फिर वामपंथी मानसिकता का असली चेहरा सामने आया है। दुर्गा विसर्जन जैसी पावन परंपरा में पत्थरबाजी करना और छात्राओं पर हमले करना निंदनीय है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि हिंसक गतिविधियों में शामिल सभी वामपंथी छात्रों की पहचान कर तुरंत कठोर कार्रवाई की जाए।

जेएनयू एसयू के संयुक्त सचिव वैभव मीणा ने आरोप लगाया कि यह केवल छात्रों पर हमला नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक सौहार्द और भाईचारे पर सीधा प्रहार है। दुर्भाग्य है कि जो संगठन स्वयं को प्रगतिशील कहते हैं, वही सबसे अधिक त्योहारों और भारतीय मूल्यों का अपमान करते हैं।

लेफ्ट संगठनों ने जेएनयू में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर बृहस्पतिवार को एबीवीपी पर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने आरोप लगाया है। संगठन का दावा है कि एबीवीपी ने अपने पोस्टरों में जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद और शरजील इमाम को रावण के रूप में चित्रित किया। इसे जलाने की योजना बनाई गई थी। इसे इस्लामोफोबिया व राजनीतिक प्रचार का जहरीला प्रयास बताया है। कार्यक्रम के दौरान दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन जुलूस को लेकर एबीवीपी और लेफ्ट गुटों के बीच झड़प भी हुई।