शारदीय नवरात्र@2025 : आज कलश स्थापना से शारदीय नवरात्र शुरू, नौ दिव्य स्वरूपों की होगी आराधना

Kalash-Navratri

नई दिल्ली : आश्विन मास की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्र शुरू होते हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर सोमवार से शुरू हो रहे हैं। इस वर्ष देवी दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है, जो सुख-समृद्धि, राष्ट्र उन्नति और कल्याण का प्रतीक है। इसके अलावा इस तिथि पर उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और हस्त नक्षत्र योग का संयोग बन रहा है।

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त : शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 9 मिनट से प्रारंभ हो चुका है। यह मुहूर्त सुबह 8 बजकर 6 मिनट तक बना रहेगा। इसकी कुल अवधि 1 घंटा 56 मिनट तक रहेगी। इसके अलावा दूसरा मुहूर्त सुबह 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर के 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा।

शारदीय नवरात्रि महत्व : हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का पर्व एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिसकी धूम दशहरे तक बनी रहती हैं। यह अवधि देवी मां दुर्गा को समर्पित है, जिसमें उनके नौ दिव्य स्वरूपों की विधि पूर्वक आराधना की जाती है।

शास्त्रों के मुताबिक शारदीय नवरात्रि में देवी का आगमन पृथ्वी पर होता है और वह भक्तों पर अपनी विशेष कृपा बरसाती है। नवरात्रि मां दुर्गा की पूजा, भक्ति, भजन-कीर्तन और देवी के प्रति भावनाएं व्यक्त करने का शानदार अवसर है।

कहते हैं कि यदि नवरात्रि के नौ दिनों में सच्चे भाव से माता के नाम का स्मरण किया जाए, तो व्यक्ति के कष्टों का निवारण शीघ्र ही होता है। चूंकि नवरात्रि हिंदू धर्म के बड़े तीज-त्योहारों में से एक है, इसलिए घरों से लेकर पूजा-पंडाल सहित मंदिरों में पूजा-पाठ का भव्य आयोजन किया जाता है।

शक्ति की आराधना और आध्यात्मिक ऊर्जा का महापर्व शारदीय नवरात्रि आज, यानी 22 सितंबर 2025, सोमवार से प्रारंभ हो गया है। पूरे नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में मां दुर्गा के नौ दिव्य स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी और मां दुर्गा की भक्ति में पूरा देश डूबा रहेगा। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। आज पहले दिन प्रतिपदा तिथि पर, शुभ मुहूर्त में घटस्थापना (कलश स्थापना) के साथ मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी। मान्यता है कि इन नौ दिनों में व्रत, पूजा और साधना करने से साधक को देवी की असीम कृपा प्राप्त होती है और उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।