मुंबई : मनोरंजन जगत एक बार फिर शोक में डूब गया है। धर्मेंद्र के निधन के बाद अब बंगाली सिनेमा के वरिष्ठ और सम्मानित कलाकार कल्याण चटर्जी भी दुनिया को अलविदा कह गए। छह दशकों तक अपने अभिनय से फिल्म इंडस्ट्री को समृद्ध बनाने वाले इस दिग्गज अभिनेता के जाने ने पूरे फिल्म जगत को गमगीन कर दिया है। उनके निधन की पुष्टि वेस्ट बंगाल मोशन पिक्चर आर्टिस्ट्स फोरम ने की। कल्याण चटर्जी का जाना बंगाल फिल्म इंडस्ट्री के लिए अपूरणीय क्षति है।
काफी समय से बीमार चल रहे कल्याण चटर्जी टाइफाइड और उम्र से जुड़ी कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। कुछ दिनों से वह एमआर बंगुर सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में भर्ती थे, जहां रविवार रात 81 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। अभिनेता की विदाई पर फोरम ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सबसे प्रिय सदस्यों में से एक अब इस दुनिया में नहीं है और उनके जाने से गहरा खालीपन महसूस हो रहा है। कल्याण चटर्जी का सफर सिनेमा के प्रति समर्पण की मिसाल रहा। पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट से प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने न केवल बंगाली फिल्मों में बल्कि हिंदी सिनेमा में भी अपने अभिनय का असर छोड़ा।
करीब 400 फिल्मों में काम कर चुके इस कलाकार ने हर भूमिका को अपनी मेहनत और सच्चाई से जीवंत बनाया। वे मुख्य रूप से सपोर्टिंग किरदार निभाते थे, लेकिन हर फिल्म में उनका प्रदर्शन दर्शकों को प्रभावित कर जाता था। 1968 में अपनी पहली फिल्म ‘अपोंजन’ से शुरुआत करते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण फिल्मों में काम किया। धन्यी मेये, दुई पृथिबी, सबुज द्विपेर राजा और बैशे स्राबोन जैसी फिल्मों में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा। साथ ही उन्होंने महान निर्देशक सत्यजीत रे की फिल्म ‘प्रतिद्वंदी’ में भी अहम भूमिका निभाई, जिसने उनके अभिनय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
बंगाली सिनेमा में अपनी गहरी छाप छोड़ने के अलावा कल्याण चटर्जी ने बॉलीवुड में भी सम्मान हासिल किया और दर्शकों का प्यार पाया। उनके निधन से फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं, बल्कि हर वह दर्शक शोक में है, जिसने उन्हें पर्दे पर देखा और सराहा। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।
