यूपी : मकबरे के मंदिर होने का दावा, बवाल-पथराव

kanpur-Fatehpur

फतेहपुर : फतेहपुर मंदिर और मकबरे को लेकर कुछ समय पहले उपजे विवाद के चलते सोमवार को बवाल हो गया। भाजपा जिलाध्यक्ष के आह्वान पर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता जमा हो गए। यह लोग प्राचीन इमारत के ठाकुरद्वारा मंदिर होने का दावा करते हुए पुलिस की बैरिकेडिंग गिराकर परिसर तक पहुंच गए। 

पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में करीब 20 मिनट तक धार्मिक स्थल पर इन लोगों के कब्जा जमाए रखा। इन लोगों ने यहां भगवा लहराकर धूपबत्ती जलाई और नारेबाजी की।

इस दौरान डंडों से मजार व कब्रों में तोड़फाेड़ भी की गई। सूचना पर दूसरे समुदाय के लोग भी पहुंच गए। इसके बाद दोनों पक्षों में पथराव और मारपीट शुरू हो गई। डीएम रविंद्र सिंह व एसपी अनूप सिंह ने किसी तरह हालात काबू में किए। एडीजी संजीव गुप्ता ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। 

मामले में 10 भाजपाइयों समेत 160 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। एफआईआर में भाजपा के जिला पंचायत सदस्य अजय सिंह व सभासद रितिक पाल, विनय तिवारी, पुष्पराज पटेल, शामिल को भी नामजद किया गया है।

शहर के आबूनगर रेड्डया में प्राचीन धार्मिक स्थल है। कई वर्षों से एक समुदाय के लोग इसके अनुयायी हैं। मंदिर-मठ संरक्षण संघर्ष समिति के सदस्य धनंजय द्विवेदी समेत अन्य लोगों ने सात अगस्त को डीएम रविंद्र सिंह को एक मांगपत्र सौंपकर स्थल को प्राचीन ठाकुरद्वारा मंदिर बताया था। इसमें नए सिरे से रंगाई-पुताई और बिना अनुमति के मजारों के स्थापित किए जाने का दावा किया गया था। समिति की ओर से सोमवार को यहां साफ-सफाई कर पूजा पाठ की बात कही गई थी।

भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल व विहिप प्रांत उपाध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय समेत कई हिंदू संगठन के नेताओं ने सोशल मीडिया पर व बैठक के जरिए मंदिर के शुद्धिकरण और नियमित पूजा-पाठ का आह्वान किया था। सोमवार सुबह नौ बजे से ही धार्मिक स्थल के करीब डाक बंगले के सामने कर्पूरी ठाकुरी चौराहे पर बड़ी संख्या में भाजपा, हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता पहुंचने लगे। पहले यहां जमकर नारेबाजी की गई। एएसपी महेंद्र पाल सिंह और एडीएम अविनाश त्रिपाठी, सीओ सिटी गौरव शर्मा ने इन्हें समझाने का प्रयास किया।

इसी बीच करीब 11 बजे बैरिकेडिंग तोड़कर हिंदू संगठनों के 300 से अधिक कार्यकर्ता इमारत तक पहुंच गए। पुलिस बल के सामने ही अंदर परिसर में घुसकर तोड़फोड़ की। अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रांतीय उपाध्यक्ष मनोज त्रिवेदी व कई कार्यकर्ताओं ने धूपबत्ती जला कर पूजा-अर्चना की। शंख बजाकर नारेबाजी की। मजारों पर लाठी डंडे पटके। पुलिस के रोकने के बावजूद प्रमुख स्थानों पर भगवा झंडा लगा दिया गया। 20 मिनट के बाद कार्यकर्ता मौके से हटे। स्थल से करीब 50 मीटर दूर मौजूद दूसरे समुदाय की भीड़ भगवा झंडा देखकर भड़क गई।

दोनों पक्षों के बीच नोकझोंक के दौरान पथराव शुरू हो गया। पथराव व भगदड़ में बजरंग दल के संयोजक धर्मेंद्र सिंह जनसेवक, धर्म प्रसार सह प्रमुख खजुहा प्रखंड रामप्रताप अनुरागी, बिंदकी के बजरंग दल के सह संयोजक सजल को चोटें आईं। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौके पर ही करीब दो घंटे तक दोनों पक्षों के बीच नारेबाजी व हंगामे का दौर चलता रहा।

इसके बाद में एडीजी संजीव गुप्ता मौके पर पहुंचे और जानकारी ली। उन्होंने सतर्कता की कमी और सुरक्षा के लिहाज से कम फोर्स तैनात किए जाने पर पुलिस अधिकारियों से नाराजगी जताई। मामला बढ़ने पर कौशांबी और बांदा जिले से पुलिस फोर्स बुला ली गई।

मौके पर दोनों समुदाय के लोग थे। सभी से बातचीत कर शांति व्यवस्था बनाई गई है। इस विवाद को लेकर पूर्व में बैठक की गई थी। पूरे मामले की विस्तार से रिपोर्ट बनाई जा रही है। प्रशासन के आश्वासन पर ही दोनों पक्ष लौटे हैं। शांति बहाली के बाद ही अग्रिम कार्रवाई होगी।  -रविंद्र सिंह, डीएम

सभी लोगों को समझाकर घर भेज दिया गया है। कुछ लोग आए थे जो चले गए हैं। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए करीब 10 थानों की फोर्स व एक प्लाटून पीएसी व गैर जिलों से फोर्स बुलाया गया है। एक पक्ष की मांग पर झंडे हटा दिए गए हैं। उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।  -अनूप सिंह, एसपी