उडुपी : कर्नाटक के उडुपी जिले में एक निजी रिसॉर्ट में अवैध रूप से रह रहे और काम करने के आरोप में तीन नाबालिग बच्चों सहित नौ विदेशी नागरिकों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इस मामले का खुलासा 19 दिसंबर को उस समय सामने आया, जब बारकुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों ने ब्रह्मावर पुलिस को सूचना दी कि एक गर्भवती महिला इलाज के लिए आई है। प्राथमिक जांच के दौरान महिला की पहचान और रहन-सहन को लेकर पुलिस को संदेह हुआ, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया।
पुलिस के अनुसार, सूचना मिलते ही पुलिस उपनिरीक्षक अशोक मलाबाघी अपनी टीम के साथ रिसॉर्ट पहुंचे। जांच के दौरान वहां तीन पुरुष, तीन महिलाएं और तीन नाबालिग बच्चे रहते हुए पाए गए। पुलिस ने जिन लोगों की पहचान की है, उनमें रिपक दमाई, सुनीता दमाई, उर्मिला, कैलाश दमाई, कपिल दमाई और सुनीता दमाई शामिल हैं। पूछताछ में उन्होंने खुद को नेपाल का निवासी बताया।
हालांकि, पुलिस के अनुसार ये लोग पासपोर्ट, वीजा या भारत में काम करने की अनुमति से जुड़े कोई वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सके। इसके बाद ब्रह्मावर पुलिस ने इमिग्रेशन और फॉरेनर्स एक्ट, 2025 की धारा 3 और 21 के तहत मामला दर्ज किया है।
उडुपी जिले के पुलिस अधीक्षक हरिराम शंकर ने बताया कि नेपाल के नागरिकों को भारत आने के लिए पासपोर्ट की जरूरत नहीं होती, लेकिन उन्हें अपनी राष्ट्रीयता साबित करने के लिए पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य होता है, जो ये लोग नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कानून के दायरे में रहकर की जा रही है। पुलिस अब इन लोगों की राष्ट्रीयता और इमिग्रेशन स्थिति की पुष्टि कर रही है और यह भी जांच की जा रही है कि क्या वे रिसॉर्ट में वीजा नियमों का उल्लंघन कर काम कर रहे थे।
पुलिस रिसॉर्ट प्रबंधन की भूमिका की भी जांच कर रही है। यदि यह पाया गया कि प्रबंधन ने जानबूझकर बिना अनुमति विदेशी नागरिकों को ठहरने या काम करने दिया, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल सभी संदिग्ध विदेशी नागरिकों से पूछताछ जारी है और जांच पूरी होने के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत आगे की कार्रवाई, जिसमें निर्वासन (डिपोर्टेशन) भी शामिल हो सकती है, की जाएगी।
