उत्साह-पारंपरिक आस्था के साथ मना करवा चौथ, दिनभर निर्जला रहकर सुहागिनों ने खोला उपवास

Karwa-Chouth

नई दिल्ली : राजधानी में शुक्रवार को करवा चौथ का त्योहार पूरे उत्साह और पारंपरिक आस्था के साथ मनाया गया। रात को सुहागिनों ने चांद के दीदार के साथ व्रत खोला। सुहागिनों ने तड़के करीब पांच बजे सरगी खाकर व्रत की शुरुआत की और दिनभर निर्जला रहकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना की। पूरे दिन महिलाओं ने पूजा की तैयारी में समय बिताया। शाम होते ही घर और मंदिरों में करवा चौथ की कथाएं सुनीं।

रात करीब 8 बजकर 13 मिनट पर जैसे ही आसमान में चांद का दीदार हुआ, वैसे ही महिलाओं के चेहरे पर मुस्कान खिल उठी। सुहागिनों ने पारंपरिक परिधान पहनकर, छलनी से चांद को निहारा और अपने पतियों के हाथों से पानी पीकर व्रत खोला। दिल्ली के विभिन्न इलाकों लक्ष्मी नगर, साकेत, रोहिणी, लाजपत नगर, द्वारका और राजौरी गार्डन में करवा चौथ का उल्लास देखने को मिला।

जैसे ही रात का अंधेरा गहराया तो महिलाएं छतों और बालकनी पर छलनी और दीया लेकर चांद का इंतजार करने लगीं। चांद निकलते ही दंपतियों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ पूजा कर व्रत खोला। इसके बाद कई पतियों ने अपनी पत्नियों को उपहार देकर उनका दिन खास बना दिया। कुछ जोड़ों ने एक-दूसरे के साथ डिनर डेट का लुत्फ उठाया, तो कुछ ने परिवार के साथ मिलकर त्योहार की मिठास साझा की।

इस खास दिन पर महिलाओं ने पारंपरिक लाल साड़ी, लहंगे और शादी का जोड़ा पहनकर खुद को दुल्हन की तरह सजाया। माथे पर बिंदी, मांग में सिंदूर, हाथों में चूड़ियां और गले में मंगलसूत्र ने उनकी सजधज में चार चांद लगा दिए। कई सुहागिनों ने अपने विवाह का जोड़ा पहनकर फिर से शादी जैसे एहसास को जिया।

कई कामकाजी महिलाएं, जिन्हें एक दिन पहले मेहंदी लगाने का समय नहीं मिला, वे करवा चौथ की सुबह ही मेहंदी की दुकानों पर पहुंचीं। कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर के पास मेहंदी लगवाने आईं शुगन ने बताया कि ऑफिस के काम और खरीदारी में व्यस्त रहने के कारण उन्हें सुबह-सुबह मेहंदी लगवाने आना पड़ा। उन्होंने कहा कि थकान जरूर है, लेकिन इस दिन की खुशी हर परेशानी भुला देती है।