केरल : मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिला कलाकारों के साथ हो रहे उत्पीड़न के मुद्दे पर तब चर्चा तेज हुई, जब जस्टिस के हेमा समिति ने अपनी रिपोर्ट में फिल्म इंडस्ट्री में एक्ट्रेसेस के साथ होने वाले शोषण, दुर्व्यवहार और उत्पीड़न की घटनाओं का खुलासा किया. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि इंडस्ट्री पर एक क्रिमिनल गैंग का कंट्रोल है, जो अपनी बात न मानने वाले कलाकारों को बाहर कर देता है. जिसको लेकर अब केरल सरकार सख्त होती नजर आ रही है.
हाल ही में केरल सरकार ने मलयालम सिनेमा में महिला कलाकारों के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) बनाने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा बुलाए गए राज्य के टॉप पुलिस ऑफिसर्स की इस बैठक में एक बेहद जरूरी फैसला लिया गया.
इस बैठक में जो टीम बनाई गई, उनमें एस अजीता बेगम (डीआईजी), मेरिन जोसेफ (एसपी क्राइम ब्रांच मुख्यालय), जी पूनकुझाली (एआईजी तटीय पुलिस), ऐश्वर्या डोनकरे (सहायक निदेशक केरल पुलिस अकादमी), अजित वी (एआईजी कानून और व्यवस्था), और एस मधुसूदनन (एसपी क्राइम ब्रांच) शामिल हैं.
कुछ एक्ट्रेसेस के हालिया इंटरव्यू और बयान के बाद मुख्यमंत्री विजयन ने टॉप पुलिस ऑफिसर्स के साथ एक बैठक की. इस बैठक में फिल्म इंडस्ट्री में महिला कलाकारों को आने वाली परेशानियों पर चर्चा हुई. इसके साथ ही, मलयालम फिल्म निर्माता रंजीत ने बंगाली एक्ट्रेस द्वारा उन पर लगाए दुर्व्यवहार के आरोपों के बाद ‘केरल चलचित्र अकादमी’ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. एक्ट्रेस ने हाल ही में आरोप लगाया था कि साल 2009 में जब वो उनकी फिल्म की शूटिंग के लिए आई थीं, तब निर्माता ने उनके साथ गलत व्यवहार किया था.
हालांकि, फिल्म निर्माता ने इन आरोपों को नकारते हुए खुद को पीड़ित बताया है. एक महिला एक्ट्रेस द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने के बाद, एक्टर सिद्दीकी ने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (A.M.M.A.) के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है. मीडिया से बातचीत के दौरान, सिद्दीकी ने बताया कि उन्होंने अपना इस्तीफा संगठन के अध्यक्ष मोहनलाल को भेज दिया है. गौरतलब है कि 233 पन्नों की जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट में महिला कलाकारों के साथ हुए शोषण का खुलासा किया गया है.