मुंबई : महाराष्ट्र की महायुति सरकार राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू करने जा रही है। राज्य के गृह राज्य मंत्री (ग्रामीण) पंकज भोयर ने इसे लागू करने की समयसीमा भी बता दी है। उन्होंने सोमवार को विधान परिषद में बोलते हुए कहा कि सरकार धर्मांतरण रोकने के लिए एक कड़ा कानून बनाएगी और इसके प्रावधान अन्य राज्यों में मौजूद इसी तरह के कानूनों की तुलना में अधिक कड़े होंगे। उन्होंने कहा कि हम इसे दिसंबर में लागू करेंगे।
विधान परिषद में बोलते हुए गृह राज्य मंत्री (ग्रामीण) पंकज भोयर ने यह बातें शिवसेना नेता और मनोनीत एमएलसी मनीषा कायंदे द्वारा उठाये गए सवाल का जवाब देते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र ऐसा कानून लाने वाला 11वां भारतीय राज्य होगा।
सदन में बोलते हुए गृह राज्य मंत्री ने कहा कि राज्य में धार्मिक धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने के लिए पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया गया है। यह कानून बाकी 10 राज्यों की तुलना में अधिक सख्त होगा। इस मुद्दे पर डीजीपी द्वारा तैयार रिपोर्ट सौंप दी गई है और आगामी (शीतकालीन) सत्र में कानून पारित कर दिया जाएगा।
इससे पहले, महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने भी राज्य विधानसभा में इसे लेकर जानकारी दी थी। उन्होंने राज्य विधानसभा में भाजपा के अनूप अग्रवाल और अन्य द्वारा उठाए गए मुद्दे पर बहस का जवाब देते हुए कहा था कि वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बात करेंगे कि कड़े प्रावधानों के साथ धर्मांतरण विरोधी कानून कैसे लाया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में धर्मांतरण रोकने के लिए एक सख्त कानून बनाया जाएगा।
गौरतलब है कि बीते कुछ समय में महाराष्ट्र में भी अवैध धर्मांतरण के काफी मामले सामने आए हैं। राज्य में जबरन धर्मांतरण का मुद्दा उठाते हुए शिवसेना नेता और मनोनीत एमएलसी मनीषा कायंदे ने आरोप लगाया कि पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक गर्भवती महिला ने आत्महत्या कर ली, क्योंकि उस पर (ससुराल वालों की ओर से) धर्म बदलने का दबाव था। इसके अलावा, एक और उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पुणे के एक परिवार में भी धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया था।
बता दें कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और उत्तराखंड में राज्य सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून लागू कर रखा है।