मणिपुर : सेना ने दिखाया दम, 11 आतंकियों को किया ढेर

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नई दिल्ली : मणिपुर में सेना को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. सोमवार को जिरीबाम इलाके में सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में 11 संदिग्ध आतंकवादी मारे गए हैं. एनकाउंटर में सीआरपीएफ का एक जवान भी गंभीर रूप से घायल हुआ है.

इससे पहले हथियारबंद आतंकियों ने जिरीबाम इलाके में उस वक्त तनाव पैदा कर दिया था, जब उन्होंने बोरोबेकरा सब-डिविजन में कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया. इस इलाके में जून से ही लगातार हिंसा और झड़प हो रही हैं. दोपहर 2.30 बजे आतंकियों ने बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन में गोलीबारी कर द. इसके बाद वे जाकुराडोर करोंग इलाके की तरफ चले गए, जहां उन्होंने आगजनी की.

स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच भीषण गोलीबारी हुई, जिससे तनाव और बढ़ गया. बोरोबेकरा सब-डिविजन में पुलिस स्टेशन परिसर में ही रिलीफ कैंप बने हुए हैं, जहां बीते महीनों में हिंसा और गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं.

सोमवार को आतंकियों ने मणिपुर के इंफाल पूर्व जिले में पास की पहाड़ियों से गोलीबारी की, जिसमें खेत में काम कर रहा एक किसान घायल हो गया. जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर की इंफाल घाटी में खेतों में काम कर रहे किसानों पर पहाड़ी इलाकों के आतंकियों की तरफ से लगातार तीसरे दिन हमला किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि हमलों के कारण घाटी के बाहरी इलाकों में रहने वाले कई किसान खेतों में जाने से डर रहे हैं और इससे धान की फसल की कटाई प्रभावित हो रही है.

इससे पहले मणिपुर के इंफाल पूर्व जिले के लामलई विधानसभा क्षेत्र के कुछ हिस्सों में रविवार को पहाड़ी क्षेत्र से हथियारबंद लोगों ने गोलीबारी की और बम से कई हमले किए थे. अधिकारियों ने बताया था कि सेना, सीमा सुरक्षा बल और पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके चलते सनसाबी, सबुंगखोक खुनौ में भीषण गोलीबारी हुई थी. उन्होंने बताया था कि पहाड़ी इलाकों से सनसाबी के निचले इलाकों में हो रही गोलीबारी के कारण किसान अपने खेतों की देखभाल नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में गांवों में तनाव का माहौल पैदा हो गया है. पुलिस ने बताया कि हालात को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है.

पिछले वर्ष मई से इंफाल घाटी में मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच शुरू हुए जातीय संघर्ष में अब तक 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.