नई दिल्ली : मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे मनोज जारांगे पाटिल ने अपना अनशन खत्म कर दिया है. मुंबई के आजाद मैदान में धरने पर बैठे पाटिल ने मराठा आंदोलनकारियों से अपने घरों को वापस लौटने की अपील भी की है. जारांगे की इस घोषणा के पीछे बॉम्बे हाईकोर्ट का सख्त रुख माना जा रहा है. जिसने मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस को शहर की सड़कों से आंदोलनकारी हटाने का आदेश दिया था.
इससे पहले चीफ जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस आरती साठे की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हालात न संभालने पर महाराष्ट्र सरकार की खिंचाई की. अदालत ने मुंबई की सड़कों पर जाम की वजह बने आंदोलनकारियों के करीब 5,000 वाहनों को न हटाने पर सवाल-जवाब किया.
खंडपीठ ने कहा कि सड़कों को जल्द से जल्द जाम से मुक्त किया जाना चाहिए वरना अदालत सख्त कार्रवाई करेगी. कोर्ट ने सरकार को शहर में व्यवस्था बहाल करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का भी निर्देश दिया.
चीफ जस्टिस चंद्रशेखर ने कहा, ‘हम सामान्य स्थिति चाहते हैं. राज्य सरकार इस बारे में रिपोर्ट दे कि क्या कार्रवाई की गई है. यह भी बताया जाए कि किन वाहनों को अनुमति है और किन पर प्रतिबंध है.’
प्रदर्शनकारियों के वाहनों और उनके ड्राइवरों की संख्या का डेटा मांगते हुए अदालत ने सरकार से पूछा, ‘आपने अब तक क्या कार्रवाई की है? क्या आपने कोई वीडियो बनाया है… कितने स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है? लोग अपने घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं.’
मुंबई की सड़कों पर बेकाबू प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने में अधिकारियों की कथित ढिलाई पर भी अपना गुस्सा जाहिर किया. पीठ ने कहा, “सड़कों पर वाहनों के लिए जगह नहीं है. अदालत में न्यायाधीशों के घूमने-फिरने की भी जगह नहीं है.” अदालत ने राज्य सरकार के वकील सतीश मानेशिंदे से कहा, ‘आज जब हम अदालत से बाहर निकलेंगे तो हमें प्रदर्शनकारियों का कोई वाहन नहीं दिखना चाहिए.’
बताते चलें कि मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके हैं. अब उन्होंने हजारों समर्थकों के साथ फिर से मुंबई घेर रखा है. जरांगे ने मराठा समुदाय के लिए ओबीसी कोटे से आरक्षण की मांग करते हुए 29 अगस्त से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया है. उन्होंने घोषणा की है कि जब तक राज्य सरकार आरक्षण लागू नहीं करती, वह मुंबई नहीं छोड़ेंगे.
मनोज जरांगे पाटिल मुंबई के आजाद मैदान में आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन उनके हजारों समर्थक मुंबई की सड़कों को घेरकर उधम काट रहे हैं. अपने हजारों वाहनों से सड़कें घेरकर वे खुले में नहा रहे हैं, कबड्डी खेल रहे हैं और गंदगी फैला रहे हैं. इसकी वजह से मुंबई के लाखों लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं. जिस पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है और मुंबई पुलिस को प्रदर्शनकारियों को सड़कों से हटाने का आदेश दिया है.