यूपी : मेरठ में पकड़ा अवैध मिनी टेलीफोन एक्सचेंज, देश की सुरक्षा से कर रहे थे खिलवाड़

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मेरठ : लिसाड़ीगेट, साइबर थाना पुलिस और डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन (डॉट) की संयुक्त टीम ने रविवार रात लिसाड़ी गेट क्षेत्र के लक्खीपुरा में छापा मारकर अवैध मिनी टेलीफोन एक्सचेंज पकड़ा। पुलिस ने इसे संचालित करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए मौके से छह लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में एक टीम नोएडा भेजी गई है।
आरोपी गिरोह के सदस्य अंतरराष्ट्रीय वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) कॉल को लोकल कॉल में परिवर्तित कर केंद्र सरकार के राजस्व को हानि पहुंचा रहे थे। इस तरह कॉल करने वाले व्यक्ति की पहचान छिपी रहती है और उसे ट्रेस करना कठिन हो जाता है। इससे देश की सुरक्षा को भी खतरा होने की आशंका रहती है। पकड़े गए आरोपियों में से कोई भी ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है।

एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि सूचना मिली थी कि नफीसा मस्जिद के पीछे पानी की टंकी के पास एक मकान में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज संचालित हो रहा है। इस पर लिसाड़ीगेट, साइबर थाना पुलिस और डॉट की संयुक्त टीम ने मकान पर छापा मारा। यहां अवैध मिनी टेलीफोन एक्सचेंज चलता मिला।

टीम ने यहां से लक्खीपुरा जामिया चौक निवासी आस मोहम्मद व उसके भाई मोहम्मद चांद उर्फ सोनू, लक्खीपुरा गली नंबर-16आर निवासी कासिम व उसके भाई हाशिम, अहमदनगर कांच का पुल निवासी सरफराज और मोहम्मद इमरान को गिरफ्तार किया गया। मौके से मिला टेलीफोन एक्सचेंज संचालन का सामान कब्जे में ले लिया।

आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, अपराधिक षडयंत्र, भारतीय तार व बेतार यांत्रिकी अधिनियम 1933, भारतीय तार अधिनियम 1885 व आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। एसपी सिटी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

टीम ने कार्रवाई के दौरान मौके से 32 सिम का वीओआईपी गेटवे डिवाइस, 4 वाई-फाई राउटर, 22 सिम कार्ड, 3 लैपटॉप, 5 एंड्रॉइड मोबाइल, 2 कीपैड मोबाइल, एक लैपटॉप चार्जर, 4 एडॉप्टर, 2 राउटर केबल व एक एचडीएमआई केबल बरामद किया।
एसपी सिटी ने बताया कि यह गिरोह लंबे समय से अवैध टेलीफोन एक्सचेंज संचालित कर रहा था। स्वॉट और डॉट की संयुक्त टीम ने इसी साल 19 मार्च को भी लक्खीपुरा में छापा मारकर अवैध टेलीफोन एक्सचेंज पकड़ा था। 

मौके से नगर निगम के कर्मचारी के पुत्र जुनैद व साकिब और मवाना के छप्पर वाली गली निवासी आरिस और मोहल्ला कल्याण निवासी आसिफ को गिरफ्तार किया था। तब कार्रवाई की सूचना स्थानीय थाना पुलिस को नहीं दी गई थी। गिरफ्तारी और मौके से सामान जब्त करने के बाद स्थानीय पुलिस को इस बारे में बताया था। ऐसे में इस मामले में स्थानीय पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठे थे।

एसपी सिटी के मुताबिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह एक मिनट की कॉल के एक हजार से 15 सौ रुपये तक लेते थे। इससे रोजाना 35 से 40 हजार रुपये रोजाना कमाते थे। यह रकम क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से उन तक पहुंचती थी। बाद में वह क्रिप्टो करेंसी बेचकर आपस में रुपये बांट लेते थे। सिमकार्ड एक हजार रुपये में मिलता था।

फेसबुक पर अंशुमन गुप्ता नाम का व्यक्ति उनसे जुड़ा था। वह एक हजार रुपये ऑनलाइन देने पर कोरियर से सिमकार्ड भेज देता था। कासिम ने वीओआईपी गेटवे डिवाइस लाकर आस मोहम्मद के अलावा लक्खीपुरा निवासी अलीशान और मन्नान को भी बेचे थे। इन सभी के बारे में जानकारी जुटाकर कार्रवाई की जाएगी।