मंकीपॉक्स ने बढ़ाई WHO की चिंता, घोषित हो सकती है वैश्विक बीमारी

Monkeypox-Virus

नई दिल्ली : अफ्रीकी देशों कांगो, केन्या, रवांडा और युगांडा समेत दस देशों में इन दिनों मंकीपॉक्स (Mpox) वायरस का कहर देखने को मिल रहा है। एमपॉक्स के मामलों में चिंताजनक वृद्धि को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन इमरजेंसी बैठक बुलाई। संगठन को डर है कि यह वायरस सभी अफ्रीकी देशों और दुनिया के अन्य देशों में भी फैल सकता है।

बता दें कि कांगो में पिछले साल सितंबर से ही मंकीपॉक्स के मामलों में तेजी देखी जा रही है। इसकी वजह से कांगो के पड़ोसी देशों में नया स्ट्रेन भी पाया गया है, जिसने WHO की चिंता को बढ़ा दिया कि कहीं यह बीमारी दुनिया में स्वास्थ्य जोखिम ना पैदा कर दे।

जैसे-जैसे वायरस अफ्रीकी देशों में फैल रहा है वैसे-वैसे भारत में भी लोगों की चिंताएं बढ़ रही हैं। ऐसे में मंकीपॉक्स वायरस क्या है इसको समझना जरूरी है। आईए वायरस से सावधान रहने के लिए कुछ बातों को जानते हैं।

एमपोक्स मंकीपॉक्स वायरस की वजह से होता है। यह एक संक्रामक बिमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति या जानवर के संपर्क में आने से होता है। मंकीपॉक्स का संबंध ऑर्थोपॉक्सवायरस परिवार से है, जो चेचक की तरह दिखाई देता है। इसमें वैरियोला वायरस भी शामिल है।

मंकीपॉक्स होने पर इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और सूजे हुए लिम्फ नोड्स होते हैं। इसके बाद एक दाना होता है जो आमतौर पर चेहरे से शुरू होता है और पूरे शरीर में फैलता है। दाने धब्बों से विकसित होकर फुंसियों में बदल जाते हैं, जो आखिर में पपड़ी बन जाते हैं। लक्षण आम तौर पर 2-4 सप्ताह तक रहते हैं.

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