इंदौर-NewsXpoz : हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करना मध्य प्रदेश के धार कलेक्टर प्रियांक मिश्रा को भारी पड़ गया। कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की बात कही है। कोर्ट ने रोजगार सहायक को पिछले 50 प्रतिशत वेतन के साथ फिर नौकरी पर रखने के कहा था। कलेक्टर के अलावा जिला पंचायत के कार्यपालन अधिकारी श्रृंगार श्रीवास्तव के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। मामले की अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को होगी।
बता दें कि मामला वर्ष 2017 का है। धार के नालछा गांव में मिथुन चौहान रोजगार सहायक के पद पर थे। उनकी तबीयत खराब होने के कारण वह कुछ दिनों तक नौकरी पर नहीं जा पाए। अपनी ड्यूटी पर मौजूद न रहने को अफसरों ने कदाचरण माना और उसे नौकरी से हटा दिया। रोजगार सहायक खुद बेरोजगार हो गया तो उसने वर्ष 2019 में हाईकोर्ट में नौकरी से हटाने के आदेश के खिलाफ याचिका लगाई। कोर्ट में उसने अपना पक्ष मजबूती से रखा। इसके बाद 22 अगस्त को कोर्ट ने उसकी सेवा समाप्ति का आदेश कोर्ट ने रद्द कर दिया। उसे फिर नौकरी पर रखे जाने के आदेश जारी हुए। फिर भी अफसरों ने उसे नौकरी पर नहीं रखा।
मिथुन ने कोर्ट में अवमानना याचिका लगा दी। इसके बाद 20 सितंबर को कोर्ट ने कहा कि आदेश का पालन करें और 4 अक्टूबर को कोर्ट में अफसरों को मौजूद रहने के लिए कहा, लेकिन न आदेश का पालन हुआ और न ही अफसर कोर्ट में मौजूद रहे। चार अक्टूबर को हुई सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने कलेक्टर और सीईअेा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की बात कही है। मामले की अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को रखी गई है।