रीवा : रीवा जिले को प्रयागराज से जोड़ने वाले NH 30 में स्थित सोहगी घाटी में होने वाले गंभीर सडक हादसों के बारे तो शायद आप को पता ही होगा। मौत की घाटी कही जाने वाली सोहागी घाटी में अब तक कई ऐसे दिल दहला देने वाले हादसे हो चुके है जिसके बारे मे याद करते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
इस घाटी मे हुई सडक दुर्घटनाओ मे अबतक सैकड़ो लोग अपनी जान गवां चुके हैं। एक्सप्रेसवे पर रोड एक्सीडेंट रोकने के लिए रीवा पुलिस ने गजब की तरकीब खोज निकाली और यात्रियों को अलर्ट करने के लिए घाटी के सड़क किनारे एक्सीडेंटल वाहन टांग दिए।
पुलिस का कहना है कि एक्सीडेंटल वाहन को देखकर लोगों में जागरुकता आए, इसलिए सड़क हादसे के शिकार वाहनों को हाइवे पर टांगा गया है। सड़क हादसे का शिकार हुए ये एक्सीडेंटल चार पहिया वाहन हाइवे से गुजरने वाले यात्रियों के लिए एक सांकेतिक बोर्ड की तरह काम करेंगे जो लोगो को यह याद दिलएगा कि आप सावधान होकर वाहन चलाएं क्योकि आप दुर्घटना संभावित क्षेत्र से गुजर रहे रहे हैं। वाहन चलाते समय जरा सी भी लापरवाही जान ले सकती है।
हाल ही मे कलेक्टर प्रतिभा पाल के द्वारा बताया गया था कि जल्द ही MPRDC 24 करोड़ रुपए खर्च करके सोहागी पहाड़ में चिंन्हित किए गए BLACK SPOT वाली जगहों का स्वरुप बदलेगा। जिसमें इंजिनियरिंग व तकनीकी मदद भी ली जाएगी। इससे घाटी में होने वाले हादसे समाप्त हो जाएंगे।
SDOP उदित मिश्रा ने जानकरी देते हुए बताया कि पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह की ओर घाटी में होने वाले हादसों को रोकने के लिए उसमे नवाचार करने के लिए निर्देश दिए गए थे। इसके बाद सोहागी घाटी की सडक के किनारे दो पॉइंट मे दुर्घटना का शिकार हुई एक्सीडेंटल चार पहिया वाहनों को रखा गया जिससे वहां से गुजरने वाले लोग उसे देखे और खुद के लिए चेतावनी समझें कि जरा सी लापरवाही से वह भी हादसे का शिकार हो सकते है। इन वाहनों के साथ ही जल्द होर्डिंग और साइनिंग बोर्ड भी लगाए जाएंगे जिसमें यातायात सुरक्षा सम्बन्धी जरुरी निर्देश होंगे।
नेशनल हाइवे 30 के सोहागी पहाड़ में हुए सडक दुर्घटनाओं में हुई लोगो की मौत के आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2019 से 2024 तक 75 से भी अधिक दिल दहला देने वाले सड़क हादसे हो चुके हैं। इसमें 72 से भी अधिक लोगों ने अपनी जान गवाई।
इसके बाद अगर 2025 की बात करें तो सोहागी घाटी मे लगभग 20 लोगों की सडक हादसे में मौत हुई। इसमें कई सडक दुर्घटनाएं तो वीभत्स कर देने वाली थी। 8 किलोमीटर लम्बा सोहागी पहाड़ लोगों के लिए मुसीबत बन कर उभरता गया। इसके चलते लोग अब इसे खूनी और मौत की घाटी भी कहने लगे हैं।
सडक हादसों के बाद जिले के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सोहागी पहाड़ मे स्थित सड़क की डिजाइन को लेकर कई सवाल खड़े किए थे। उनका कहना था कि घाटी की सडक निर्माण के दौरान मानक मापदंडों का पालन नहीं किया गया है। इसके चलते सोहागी पहाड़ हादसों का गढ़ बन गया।