नई दिल्ली : मुंबई में 26/11 के आतंकी हमलों की साजिश रचने के आरोपी भारत के मोस्ट वांटेड तहव्वुर हुसैन राणा के अब कर्मों का हिसाब होने वाला है. अमेरिका में अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए सभी कानूनी रास्ते बंद होने के बाद उसे लेकर एक विशेष विमान भारत के लिए उड़ान भर चुका है. एनआईए और RAW की टीम उसे लेकर भारत आ रही है. सूत्रों के मुताबिक 64 वर्षीय राणा कल दोपहर दिल्ली पहुंच जाएगा, जहां उसके उतरते ही एनआईए उसे अरेस्ट कर लेगी.
जानकारों के मुताबिक अरेस्टिंग के बाद तहव्वुर को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया जाएगा. इसके बाद उसे दिल्ली में रखकर पूछताछ की जाएगी. उसे मुंबई पुलिस को कब सौंपा जाएगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है. लेकिन माना जा रहा है कि दिल्ली लाने के कुछ समय बाद उसे मुंबई पुलिस को हैंड ओवर कर दिया जाएगा. मुंबई में राणा के खिलाफ आपराधिक साजिश, भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने, हत्या और जालसाजी और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं.
पिछले 17 साल से भारतीय एजेंसियों की पकड़ में आने से बचने की कोशिश कर रहा तहव्वुर राणा कनाडाई नागरिक है. पाकिस्तान मूल का राणा इन दिनों अमेरिका के शिकागो में रह रहा था. उस पर मुंबई आतंकी हमले में अहम भूमिका निभाने का आरोप है, जिसमें 166 लोगों की जान गई थी.
अमेरिका के फेडर ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (FBI) ने मुंबई आतंकी हमले के अगले साल 2009 में उसे शिकागो से अरेस्ट किया था. हालांकि उसकी गिरफ्तारी मुंबई हमले में भूमिका के लिए नहीं बल्कि डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में एक अखबार पर हमला करने की असफल योजना को अपना समर्थन देने के लिए थे.
वर्ष 2011 में कोर्ट ने कोपेनहेगन आतंकी साजिश मामले में राणा को दोषी करार दिया, जिसके बाद उसे जेल में बंद कर दिया गया. हाल ही में उसे लॉस एंजिल्स में एक महानगरीय हिरासत केंद्र में रखा गया था. उससे पूछताछ के दौरान मुंबई आतंकी हमले में उसकी अहम भूमिका के बारे में पता चला था.
मुंबई हमले के मुख्य आरोपी पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने कहा था कि तहव्वुर राणा ने ही अटैक के लिए फंडिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया करवाई थी. इसके बाद हेडली ने टारगेट तय करने के लिए मुंबई का दौरा किया और हमले की खास जगहों की रेकी की. इस दौरान उसने मुंबई में खुद को तहव्वुर राणा की कथित इमिग्रेशन कंसल्टेंसी के कर्मचारी के रूप में पेश किया.
इस कबूलनामे के बाद से भारत लगातार तहव्वुर राणा और हेडली के प्रत्यर्पण की कोशिश में लगा था. इसी साल फरवरी में अमेरिका पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की घोषणा की थी. ट्रंप ने ऐलान किया था कि उनके प्रशासन ने बहुत बुरे राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है.
राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा था, ‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्रशासन ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं में से एक और दुनिया के सबसे बुरे लोगों में से एक को भारत में न्याय का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित करने को मंजूरी दे दी है. इसलिए वह न्याय का सामना करने के लिए भारत वापस जाएगा.’