फिरोजाबाद : गुजरात की जीके कंपनी के कर्मचारी से दो करोड़ रुपये की लूट करने के मास्टरमाइंड नरेश उर्फ पंकज के पुलिस मुठभेड़ में ढेर होने के बाद उसके गए जीवन से जुड़े कई किस्से पुलिस के सामने आए हैं।
कभी गांव में बिजली उपकरण मिस्त्री का काम सीखने वाला नरेश, दिल्ली जाने के बाद अपराध की दुनिया में उतर गया था। मगर, उसका भी अंत वही हुआ जो जरायम नरेश। फाइल पेशेवरों का होता है। पुलिस की एक गोली ने उसके आपराधिक अध्याय का अंत कर दिया।
नरेश की मौत की खबर पाकर उसके पिता भूदेव शर्मा उर्फ भूरी निवासी अरनी, खैर, अलीगढ़ अपने दामाद और गांव के एक परिचित के साथ फिरोजाबाद आए। बेटे के शव को देख वह फूट-फूटकर रोने लगे।
रुंधे गले से पुलिस को बताया कि उनके पांच बेटों में से बड़े बेटे रिंकू की सड़क हादसे में पहले ही मौत हो चुकी है। छोटे बेटे भी शराब का सेवन करते हैं। उन्होंने बताया कि नरेश, दिल्ली में बिजली मिस्त्री का काम करने गया था। मगर, वहां गलत संगत में पड़कर उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा और पहली बार गाजियाबाद जेल में बंद हुआ।
गाजियाबाद जेल में ही उसने अपना गैंग बनाया और अपराध को अंजाम देने लगा। भूदेव शर्मा बताते हैं कि बेटे नरेश को काफी समझाया था। बड़े बेटे की मौत के बाद उसकी पत्नी की शादी नरेश से इसलिए कराई थी, ताकि नरेश सुधर जाए। मगर, वह अपराध के रास्ते से वापस नहीं लौटा।
शांत रहे पिता, बहनोई, मीडिया से नहीं की कोई बात : नरेश के पिता और बहनोई पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे। उनको पुलिस ने नरेश का शव दिखाया। इसी दौरान वहां से बाहर निकलते समय मीडियाकर्मियों ने दोनों को रोक लिया और नरेश के बारे में सवाल किए। मगर, पिता भूदेव और बहनोई ने किसी भी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया और खामोशी पूर्वक वहां से निकल गए।
नरेश एनकाउंटर का एफएसएल यूनिट करेगी क्राइम सीन रिक्रिएट : फिरोजाबाद पुलिस मुठभेड़ में ढेर बदमाश नरेश उर्फ पंकज के एनकाउंटर के बाद प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप मजिस्ट्रेटी जांच कराने का फैसला लिया है। इस जांच के तहत घटना से जुड़े हर पहलू की बारीकी से पड़ताल की जाएगी और सभी प्रक्रियाओं का पालन ठीक से हुआ कि नहीं, यह देखा जाएगा।
जांच प्रक्रिया के तहत फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की टीम जल्द ही घटनास्थल एनएच-19 बाईपास हलपुरा अंडरपास के पास बनीपुर के जंगल का दौरा करेगी। एफएसएल टीम वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर एनकाउंटर के दृश्य को फिर से बनाएगी (सीन रिक्रिएशन)।
टीम यह सुनिश्चित करेगी कि पुलिस द्वारा बताए गए घटनाक्रम और मौके पर मिले भौतिक साक्ष्यों (खोखे, पिस्टल, खून के निशान) में कोई विरोधाभास न हो। पुलिस के आला अधिकारियों ने भी घटनास्थल से बरामद दो अदद देशी पिस्टल 32 बोर और भारी मात्रा में खोखा कारतूस को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है, जिनका मिलान एफएसएल रिपोर्ट से किया जाएगा।
इधर, डीएम द्वारा नामित किए जाने वाला मजिस्ट्रेट अपनी जांच के दौरान, पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आम जनता और मृतक नरेश उर्फ पंकज के परिजनों से मुठभेड़ से संबंधित कोई भी साक्ष्य (गवाही, फोटो, वीडियो आदि) हैं, तो वे उन्हें बिना किसी डर के जांच अधिकारी (मजिस्ट्रेट) के सामने प्रस्तुत करने का आह्वान करेगा। यह जांच यह सुनिश्चित करेगी कि आत्मरक्षा में की गई पुलिस की जवाबी कार्रवाई नियमानुसार थी या नहीं।
परिवार से होगी पूछताछ : जांच के क्रम में पुलिस अब अपराधी नरेश उर्फ पंकज के परिवार के सदस्यों से पूछताछ करेगी। पुलिस का मानना है कि परिवार के सदस्यों को नरेश की गतिविधियों या उसके द्वारा छिपाए गए बचे हुए माल के बारे में कुछ जानकारी हो सकती है।
मालखाने में जमा है बरामद रकम : पुलिस ने नरेश व उसके गिरोह से जो लूट संबंधी रकम बरामद की थी, उसे थाना मक्खनपुर के मालखाने में सुरक्षित जमा कर दिया गया है। इधर, नरेश के पास से बरामद दो देसी पिस्टल और एक रिवॉल्वर को भी मालखाने में सुरक्षित रखा गया है। लूट की रकम, जो बरामद की गई है, उस पर जीके कंपनी अपना दावा कोर्ट में दाखिल करेगी। कोर्ट का आदेश होने के बाद रकम को कंपनी के सुपुर्द किया जाएगा।
अय्याशी में उड़ाया पैसा : पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि नरेश ने अपराध से कमाए पैसे को अय्याशी में उड़ाया। उसने जमीन या जायदाद बनाने जैसे स्थायी निवेश नहीं किए थे। इधर, पुलिस के अनुसार, नरेश ने अलीगढ़ में कभी कोई अपराध नहीं किया था। गांव वालों को भी उसके अपराधी बनने की जानकारी नहीं थी।
मुझे शर्म आ रही है, हट जाओ… कह हथकड़ी समेत भागा था : फिरोजाबाद की मक्खनपुर पुलिस को चकमा देकर पुलिस अभिरक्षा से भागा नरेश अब ढेर हो चुका है। मगर, उसके खिलाफ पुलिस ने फरार होने के संबंध में केस दर्ज कराया है। मक्खनपुर थाने में इंस्पेक्टर चमन शर्मा ने केस दर्ज कराया है। इसमें उसके भागने की पूरी कहानी दर्शायी गई है। दर्ज मुकदमे के अनुसार इंस्पेक्टर चमन शर्मा के साथ कांस्टेबल भूपेंद्र सिंह, हरवीर सिंह, संदीप कुमार उसे सरकारी गाड़ी में बैठाकर रविवार दोपहर एक बजे थाने से रवाना हुए थे।
घुनपई के पास पहुंचने पर नरेश ने कहा था कि उसके पेट में दर्द हो रहा है। गाड़ी नहीं रोकी तो कपड़े खराब हो जाएंगे। अपराधी नरेश उर्फ पंकज गाड़ी से उतरकर खेत में शौच को गया तो उसके साथ पुलिस टीम भी थी। इस पर नरेश ने कहा था कि थोड़ा सा अलग हो जाओ, जब तक आप खडे रहेंगे शर्म के कारण शौच नहीं कर पाऊंगा। पुलिस उसके झांसे में आ गई और अलग हो गई। इसी का फायदा उठाकर वह फरार हो गया था।