नवादा : जिले में एक भी शव वाहन उपलब्ध नहीं है. कई बार निजी एंबुलेंस भी शव ले जाने के तैयार नहीं होते हैं. इससे जरूरतमंदों काफी परेशानी होती है. जिले के काशीचक थाना क्षेत्र के डेढ़गांव के समीप रेलवे लाइन के किनारे से अज्ञात युवक का शव बरामद किया गया था. दो दिन पहले शव का अंतिम संस्कार कराया गया. काशीचक थाना के चौकीदार ने बताया कि शव वाहन नहीं होने की स्थिति में ठेले से शव को अंतिम संस्कार के लिए सदर अस्पताल से श्मशान घाट ले गए. ठेले वाले भी तैयार नहीं हो रहे थे. जिसके कारण काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
अज्ञात शवों को शिनाख्त के लिए 72 घंटे तक सुरक्षित रखने का प्रावधान है. ऐसे में इतने समय तक शव पड़े रहने के कारण उससे बदबू निकलने लगती है. ठेले से शव ले जाने के क्रम में दुर्गंध से लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं. संक्रमण का भी खतरा रहता है.
पूर्व में स्वास्थ्य महकमे के पास एक शव वाहन उपलब्ध था, लेकिन यह सेवा दो महीने से अधिक समय से ठप पड़ा है. बताया जाता है कि कुछ महीने पहले शव वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसके बाद संबंधित एजेंसी पीडीपीएल ने उसकी मरम्मत नहीं कराई. जिसके बाद शव वाहन पूरी तरह से बेकार हो गया और उपयोग लायक नहीं रह गया. इसके बाद से यह सेवा पूरी तरह ठप पड़ गई और शवों को ढोने के लिए ठेले के सहारे छोड़ दिया गया है.
सिविल सर्जन डॉ. नीता अग्रवाल कहती हैं कि जिला स्वास्थ्य समिति के प्रबंधक को निर्देश दिया गया है कि एंबुलेंस 102 की पूरी पड़ताल कर रिपोर्ट दें, ताकि राज्य स्वास्थ्य समिति को पूरी स्थिति से अवगत कराया जा सके. साथ ही नया शव वाहन उपलब्ध कराने के लिए नई एजेंसी को कहा जाएगा. सिविल सर्जन ने कहा कि जिला स्वास्थ्य महकमा मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए कटिबद्ध है. इसके लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं.
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने नवादा में 21 नवंबर को पूरे बिहार का सबसे बड़ा सदर अस्पताल का भूमि पूजन किया था और मंत्री ने दावा किया था कि पूरे बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त है, लेकिन यह तस्वीर मंत्री के दावे को खोखला साबित कर रहा है.