पटना/नई दिल्ली/काठमांडू : नेपाल की भारी बारिश भारत में भी कहर बरपा रही है। बाढ़ के कारण जहां नेपाल में 170 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं नदियां उफनाने के बाद इसका असर बिहार में भी दिख रहा है। बैराजों के गेट खोलने पड़े हैं, जिससे गंगा, कोसी, गंडक, समेत कई नदियां उफान पर हैं। 26 जिलों में बाढ़ का कहर है।
भारी बारिश, बाढ़ व भूस्खलन के कारण नेपाल में दो दिन में 170 लोगों की मौत हो गई, जबकि 55 लापता हैं। मृतकों में एक बस में सवार 19 लोग व प्रशिक्षण शिविर में मौजूद छह फुटबॉल खिलाड़ी शामिल हैं। नेपाल सरकार ने तीन दिनों तक स्कूलों में छुट्टी के निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग ने मंगलवार तक वर्षा जारी रहने के अनुमान लगाया है।
सशस्त्र पुलिस बल के अनुसार, तेज बारिश के कारण पूर्वी व मध्य नेपाल का बड़ा हिस्सा शुक्रवार से जलमग्न है। कई राजमार्ग व सड़कें अवरुद्ध हैं। कम से कम 322 मकान व 16 पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। राहत व बचाव कार्य में हेलिकॉप्टर भी लगाए गए हैं। 3,661 लोगों को बचाया गया है। राहत कार्य के दौरान 101 लोग घायल भी हुए हैं।
काठमांडो घाटी में सबसे ज्यादा 48 लोगों की मौत हुई है, जबकि 45 घायल हुए हैं। झयाप्ले नदी में भूस्खलन के कारण काठमांडो में प्रवेश व निकासी अवरुद्ध हो गई है। लोगों का कहना है, उन्होंने काठमांडो घाटी में पिछले 40-45 साल में इतनी विनाशकारी बाढ़ नहीं देखी। आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रबंधन प्राधिकरण ने 77 में से 56 जिलों के लिए चेतावनी जारी की है। इन जिलों में बारिश के कारण आपदा का खतरा ज्यादा है।
इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलेपमेंट में जलवायु एवं पर्यावरण विशेषज्ञ अरुण भक्ता श्रेष्ठ ने कहा, मैंने काठमांडो में पहले कभी ऐसी बाढ़ नहीं देखी। मौसम विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि काठमांडो की मुख्य नदी बागमती मूसलाधार बारिश के बाद से खतरे के निशान से सात फुट ऊपर बह रही है।
काठमांडो के पास स्थित धादिंग जिले में शनिवार को एक बस के भूस्खलन की चपेट में आने से कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई। भक्तापुर शहर में भूस्खलन में एक मकान ढहने से पांच लोग मारे गए। मकवानपुर में 6 फुटबॉल खिलाड़ियों की जान चली गई।
नेपाल में हो रही आफत की बारिश का कहर बिहार पर टूटा है। कोसी, गंडक, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, महानंदा और गंगा नदी उफान पर हैं। कोसी नदी के बीरपुर बैराज के सभी 56 और गंडक नदी के वाल्मीकिनगर बैराज के सभी 36 फाटक खोल दिए गए हैं।
बाढ़ के खतरे को देखते हुए उत्तर, दक्षिण और मध्य बिहार में अलर्ट जारी किया गया है। नदी किनारे और निचले इलाके से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। राज्य के 26 जिलों में 30 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन व जल संसाधन विभाग के अनुसार, सुबह 5 बजे तक कोसी नदी पर बने बीरपुर बैराज से 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 56 साल में सर्वाधिक है। इससे पहले 1968 में 7.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा था। पश्चिमी चंपारण में गंडक नदी पर बैराज से भी सुबह 10 बजे तक 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे 13 जिलों में 17 लाख लोग प्रभावित हैं।
चंपारण, गोपालगंज, अररिया, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया में पानी भर गया। वहीं, गंगा में उफान से बक्सर, भोजपुर, पटना, सारण, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर और भागलपुर में पहले से ही बाढ़ जैसे हालात हैं। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने रविवार को बचाव कार्यों की समीक्षा की।
सीतामढ़ी जिले में बागमती नदी पर बना तटबंध रविवार को टूट गया। इससे कई गांव और निचले इलाकों में पानी भर गया। प्रशासन ने प्रभावित गांवों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है। वहीं, भारी बारिश से शनिवार रात गोपालपुर के पास कोसी नदी के तटबंध से भी रिसाव शुरू हो गया।