नेपाल : हिमस्खलन से आफत में पड़ी पर्यटकों की जान

Nepal-Snow

काठमांडू : नेपाल के म्याग्दी जिले में स्थित अन्नपूर्णा आधार शिविर (एबीसी) के पास भारी बर्फबारी और हिमस्खलन के कारण फंसे 17 भारतीय पर्यटकों समेत 72 पर्वतारोहियों को सुरक्षा बलों ने बृहस्पतिवार को सुरक्षित बचा लिया। यह अभियान सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) और नेपाल पुलिस की संयुक्त टीम ने चलाया, जिसमें स्थानीय स्वयंसेवकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। सभी बचाए गए पर्यटक अब सुरक्षित हैं और अन्नपूर्णा ग्रामीण नगर पालिका में ठहराए गए हैं।

सूत्रों के अनुसार हिमस्खलन में फंसे सभी विदेशी पर्यटक भारतीय नागरिक ही थे, जो ‘हिडन वैली’ के नाम से प्रसिद्ध धौलागिरी सर्किट ट्रेकिंग मार्ग पर थे। यह मार्ग म्याग्दी और मुस्तांग जिलों को जोड़ता है, लेकिन सोमवार रात से शुरू हुई लगातार बारिश और बर्फबारी ने ट्रैक रूट को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया था। ऊंचाई वाले इस क्षेत्र में तापमान तेजी से गिर गया, जिससे पर्यटकों की जान को खतरा हो गया। मुस्तांग से तैनात एक विशेष बचाव दल ने 4,190 मीटर की ऊंचाई से सभी को सुरक्षित निकाला।

पुलिस उपाधीक्षक लील बहादुर भुजेल ने बताया, “हमारी टीम ने अवरुद्ध रास्तों से बर्फ हटाई और सभी पर्यटकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। अभियान में कोई हताहत नहीं हुआ।” एपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि खराब मौसम के कारण पर्यटक वापसी नहीं कर पा रहे थे, लेकिन अब वे स्थानीय लॉज में ठहर रहे हैं। मौसम साफ होते ही वे काठमांडू लौट सकेंगे और उसके बाद अपने-अपने घरों के लिए रवाना हो जाएंगे।

म्याग्दी के मुख्य जिला अधिकारी बद्री प्रसाद तिवारी ने सुरक्षा कारणों से 31 अक्टूबर तक अन्नपूर्णा आधार शिविर तक ट्रेकिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा, “लगातार बर्फबारी और संभावित खतरों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम पूर्वानुमान की जांच करें।” यह प्रतिबंध क्षेत्र में और हादसों को रोकने के लिए लगाया गया है।

यह घटना नेपाल के हिमालयी क्षेत्र में बदलते मौसम के खतरे को रेखांकित करती है। हाल ही में म्याग्दी और मनांग जिलों में भारी बर्फबारी से सैकड़ों पर्यटक फंस चुके हैं। एपीएफ ने बताया कि अन्नपूर्णा क्षेत्र में कुल 1,500 से अधिक पर्यटकों को बचाया गया है, जिनमें भारतीय पर्यटक सबसे अधिक संख्या में शामिल हैं। पर्यटन विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसे हादसे बढ़ रहे हैं और पर्यटकों को उन्नत उपकरणों और गाइड के साथ ट्रेकिंग करने की सलाह दी जाती है। (भाषा)