पटना : एनआइए ने बिहार में पाकिस्तानी जासूसी गिरोह का खुलासा किया है. रक्षा संबंधी गोपनीय जानकारी लीक होने के मामले की जांच के लिए एजेंसी ने बिहार के किशनगंज और कटिहार समेत सात राज्यों के 16 स्थानों पर छापेमारी की है. एनआइए की ओर से जारी आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी. इसमें बताया गया कि एनआइए की टीम ने बुधवार को जिन परिसरों में छापे मारे गये वे उन संदिग्ध लोगो से जुड़ थे, जिन्हें भारत में जासूसी गतिविधियां चलाने के लिए कथित तौर पर पाकिस्तान से धन प्राप्त हुआ था.
एनआइए के बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी आइएसआइ जासूसी गिरोह के जरिये रक्षा संबंधी खुफिया जानकारी लीक होने से जुड़ मामले में बिहार के अलावा गुजरात, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और हरियाणा शामिल हैं. इन सात राज्यों के 16 ठिकानों पर छापे मारे गये हैं. छापेमारी के दौरान 22 मोबाइल फोन और कई संवेदनशील दस्तावेज जब्त किये गये. एनआइए ने जुलाई 2023 मे मामले को अपने हाथ मे लिया था, जिसे मूल रूप से जनवरी 2021 में आंध्र प्रदेश के काउंटर-इंटेलिजेस सेल ने दर्ज किया था.
संघीय जांच एजेसी ने कहा कि यह मामला सीमा पार से रची गयी भारत विरोधी साजिश के तहत भारतीय नौसेना से संबंधित संवेदनशील महत्वपूर्ण जानकारी लीक करने से जुड़ा है. एनआइए ने 19 जुलाई, 2023 को दो आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें एक फरार पाकिस्तानी नागरिक मीर बलज खान भी शामिल था. एनआइए ने कहा कि जांच से पता चला कि खान, गिरफ्तार आरोपी आकाश सोलंकी के साथ जासूसी गिरोह मे शामिल था. एनआइए ने छह नवंबर, 2023 को दो अन्य आरोपियों मनमोहन सुरेद पांडा और अल्वेन के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया.
बयान में कहा गया है कि पांडा को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि पाकिस्तानी जासूसी गिरोह का सदस्य अल्वेन फरार है. एनआइए ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के साथ साजिश रचने के आरोप में एक आरोपी अमन सलीम शेख के खिलाफ मई 2024 में दूसरा पूरक आरोप पत्र दायर किया था. इस मामले में हुई ताजा कार्रवाई के बाद माना जा रहा है कि जांच एजेंसी के पास इन लोगों के खिलाफ प्रयाप्त सबूत मिल गये हैं. एजेंसी जल्द ही इस मामले की अद्यतन जानकारी कोर्ट को उपलब्ध करायेगी.