चेन्नई : तमिलनाडु में कट्टरपंथी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बड़ी कार्रवाई की है। इसके तहत एजेंसी ने बुधवार को तमिलनाडु में कट्टरपंथी गतिविधियों से जुड़े एक मामले में चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
इन पर देश में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए हिंसक जिहाद और सशस्त्र संघर्ष को बढ़ावा देने का आरोप है। बता दें कि यह मामला 2022 कोयंबटूर कार बम विस्फोट मामले से जुड़ा है, जिसमें एनआईए ने अब तक कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।
मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अहमद अली, जवाहर सातिक, राजा अब्दुल्ला उर्फ एमएसी राजा और शेख दाऊद के रूप में हुई है। एनआईए की जांच में सामने आया है कि इन सभी को मद्रास अरेबिक कॉलेज के संस्थापक जमील बाशा ने कट्टरपंथ की राह पर डाला। वहीं बाशा और उसके साथियों ने अरबी भाषा सिखाने की आड़ में भोले-भाले युवाओं को सलाफी-जिहादी विचारधारा से प्रभावित किया और उन्हें चरमपंथ की ओर धकेला।
हालांकि मामले में एनआईए ने पहले ही जमील बाशा और उसके सहयोगियों इरशाद, सैयद अब्दुर रहमान और मोहम्मद हुसैन को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। ये लोग अरबी कक्षाओं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।
जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी खलीफा शासन की वकालत करते थे और जिहाद के ज़रिए शहादत को बढ़ावा देते थे। उनका मकसद लोकतांत्रिक सरकार को हटाकर इस्लामी राज्य की स्थापना करना था।
गौरतलब है कि ये मामला अक्तूबर 2022 में कोयंबटूर कार बम विस्फोट से जुड़ा हुआ है। इसकी जानकारी एनआईए ने दी। जारी बयान में बताया गया कि इन्हीं गतिविधियों का नतीजा अक्तूबर 2022 में कोयंबटूर कार बम विस्फोट था, जिसमें आत्मघाती हमलावर जमीशा मुबीन ने एक प्राचीन मंदिर के सामने विस्फोटक से भरी गाड़ी से हमला किया था। एनआईए इस मामले में अपनी जांच जारी रखे हुए है ताकि देश विरोधी आतंकवादी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।