पटना : बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार बनने के साथ ही गन्ना उद्योग विभाग ने बंद पड़ी चीनी मिलों को पुनः चालू कराने की प्रक्रिया तेज कर दी है। लगभग दो दशक से अधिक समय से ठप पड़ी मढ़ौरा चीनी मिल सहित बिहार की नौ चीनी मिलों को पुनर्जीवित करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है, जो मिलों को चालू करने में आ रही बाधाओं को दूर करने पर काम करेगी।
विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के युवाओं के लिए रोजगार सृजन एवं बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर से चालू करने का आश्वासन दिया था। प्रधानमंत्री ने अपने भाषणों में बिहार की “मीठी चाय” का भी उल्लेख किया था। सरकार बनने के तुरंत बाद इन घोषणाओं को धरातल पर उतारने के लिए गन्ना उद्योग विभाग सक्रिय हो गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई पहली कैबिनेट बैठक में नौ बंद चीनी मिलों को पुनः संचालित करने की मंजूरी दी गई। इनमें शामिल इकाईयों के नाम नीचे दिए गए हैं।
समस्तीपुर इकाई
सकरी इकाई (दरभंगा)
रैयाम इकाई (दरभंगा)
मोतीपुर इकाई (मुजफ्फरपुर)
कावनपुर सुगर वर्क्स लिमिटेड, मढ़ौरा (सारण)
कावनपुर सुगर वर्क्स लिमिटेड, बारा चकिया (पूर्वी चंपारण)
कावनपुर सुगर वर्क्स लिमिटेड, चनपटिया (पश्चिम चंपारण)
श्री हनुमान सुगर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, मोतिहारी
सासामूसा सुगर वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड, गोपालगंज
इनमें मोतिहारी और सासामूसा की चीनी मिलें निजी क्षेत्र की हैं।
गन्ना उद्योग विभाग ने दरभंगा स्थित सकरी और रैयाम चीनी मिलों की भूमि का अधिग्रहण पूरा कर लिया है, जबकि अन्य सात चीनी मिलों से जुड़े भूमि तथा स्वामित्व संबंधी विवाद अभी सुलझाए जा रहे हैं। सकरी चीनी मिल वर्ष 1996 में और रैयाम इकाई वर्ष 1993 में बंद हुई थी।
ब्रिटिश इंडिया कॉरपोरेशन (BIC) के अधीन कावनपुर सुगर वर्क्स लिमिटेड की तीन मिलें मढ़ौरा, बारा चकिया और चनपटिया राज्य की प्रमुख इकाइयां थीं। मढ़ौरा चीनी मिल वर्ष 1997 में जबकि चकिया और चनपटिया चीनी मिलें वर्ष 1994 में बंद हो गई थीं।
संजय कुमार, गन्ना उद्योग मंत्री, बिहार सरकार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य की बंद पड़ी चीनी मिलों को पुनः चालू कराने का प्रयास जारी है, ताकि बिहार की मिठास एक बार फिर लौट सके। नौ बंद मिलों को शुरू करने तथा नई मिलों की स्थापना की दिशा में विभाग तेजी से काम कर रहा है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
