कोलकाता : उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बुधवार को छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। दरअसल छात्रों ने पैसे के बदले अंक बढ़ाने, डॉक्टरों को स्थानांतरित करने के आरोप में डीन और प्रिंसिपल को घेर लिया। इस दौरान डॉक्टर अभीक डे और उनके समर्थकों के खिलाफ भी छात्रों ने आवाज उठाई।
आंदोलनकारी छात्र अस्पताल में ‘थ्रेट कल्चर’ तुरंत बंद करने की मांग की। डे व उनके समूह के खिलाफ कॉलेज में पोस्टर भी लगाए गए। इसके अलावा, जूनियर डॉक्टरों ने अभीक डे को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश न देने की मांग की। अभीक के खिलाफ आरोप हैं कि एक खास छात्र नेता के अंक को सफेद काली से मिटाकर बढ़ा दिए गए। एक एचओडी ने कहा, उन्होंने 52 अंक दिए थे, लेकिन मार्कशीट में अंक 80 लिखा गया। छात्रों ने कहा कि यह तो केवल एक उदाहरण है। ऐसे कई मामले हैं, जहां नंबर बढ़ाए गए हैं। एक प्रमुख ने कहा, अंक बढ़ाए गए हैं।
डीन ने कहा, नंबर बढ़ाने के लिए अभीक डे के फोन आते थे। अगर बार-बार फोन आते तो मैं परेशान होकर बाहर चला जाता था। जवाब में आंदोलनकारी छात्रों ने कहा नाम बताओ। तब डीन ने माफी मांगते हुए कहा, कुछ मामलों में प्रिंसिपल सर के पास भी फोन आ चुके हैं। वह कहते थे कि तुम ज्यादा देर मत रुको। लेकिन इतने बार फोन आता था कि सभी परेशान हो जाते थे। सर बाहर चले जाते थे। मेरे पास 14 बार फोन आया। अभीक के अलावा फाइनल ईयर में शाहीन सरकार ने फोन किया था। हालांकि, प्रिंसिपल ने कहा, मेरे पास कोई फोन नहीं आया।
डॉक्टरों को सुरक्षा देने के प्रयासों को लेकर केंद्र ने राज्यों से रिपोर्ट मांगी है। बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशकों को भेजे पत्र में कहा है कि कुछ राज्यों ने केंद्र की सलाह पर अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की है। हालांकि, अभी भी ज्यादातर राज्यों के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में एक सप्ताह के भीतर राज्यों से रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
पिता बोले-मुझे बेटी को जलाने के लिए मजबूर किया गया : कोलकाता में डाक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में बुधवार को पीड़िता के पिता, मां और रिश्तेदार न्याय के लिए किए जा रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। पत्रकारों के सामने पिता ने दावा किया कि उन्हें मजबूरी में बेटी को जलाना पड़ा।
न्याय सुप्रीम कोर्ट पर छोड़ें, काम पर लौटें डॉक्टर : कोलकाता में महिला डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के मामले को लेकर देशभर में डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी हैं। इस बीच भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के अध्यक्ष डॉक्टर आरवी असोकन ने बुधवार को सभी डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की। उन्होंने कहा, न्याय का काम भारत के सर्वोच्च न्यायालय पर छोड़ दें और मरीजो की देखभाल के लिए काम पर लौटें।