नई दिल्ली-NewsXpoz : देश की दो बड़ी परीक्षाओं नीट (NEET) और यूजीसी नेट (UGC NET) में चूक के कारण नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) जांच के घेरे में है. वहीं, शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को इसरो के पूर्व चेयरमैन डॉ. के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक हाई लेवल कमेटी की घोषणा की है.
मंत्रालय ने एक मीडिया रिलीज में कहा “नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के माध्यम से परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए, उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने एक्सपर्ट्स की एक हाई लेवल कमेटी गठित की है, जो परीक्षा प्रक्रिया के मैकेनिज्म में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के स्ट्रक्चर और फंक्शन पर सिफारिशें करेगी.
सात सदस्यीय पैनल में गोविंद जायसवाल, संयुक्त सचिव, शिक्षा मंत्रालय, सदस्य-सचिव के रूप में शामिल हैं, और समिति के अन्य सदस्य डॉ. रणदीप गुलेरिया, पूर्व निदेशक, एम्स दिल्ली; प्रो. बी. जे. राव, कुलपति, केंद्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद; प्रो. राममूर्ति के, प्रोफेसर एमेरिटस, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी मद्रास; पंकज बंसल, सह-संस्थापक, पीपल स्ट्रॉन्ग और बोर्ड सदस्य- कर्मयोगी भारत; और प्रो. आदित्य मित्तल, डीन स्टूडेंट अफेयर्स, आईआईटी दिल्ली हैं.
कमेटी को दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है और वह सहायता के लिए किसी भी सब्जेक्ट एक्सपर्ट को संयोजित करने के लिए स्वतंत्र है.
यह कदम NEET-UG 2024 परीक्षा को लेकर हुए विवाद के बाद उठाया गया है, जिसमें लगभग 24 लाख छात्रों ने भाग लिया था, जिसमें क्वेश्चेन पेपर लीक होने और 1,500 से अधिक छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने के आरोप लगे थे. इसी तरह, पेपर लीक होने की रिपोर्ट के बाद UGC-NET परीक्षा आयोजित होने के एक दिन बाद ही रद्द कर दी गई.
शुक्रवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने NTA स्ट्रक्चर में सुधार के लिए सिफारिशें मांगने के लिए एक पैनल गठित करने की घोषणा की थी. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था, “सरकार एक हाई लेवल कमेटी बनाने जा रही है. NTA के स्ट्रक्चर, फंक्शन, एग्जाम प्रोसेस, ट्रांसपेरेंसी और डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को और बेहतर बनाने के लिए उस हाई लेवल कमेटी से सिफारिशें मिलने की उम्मीद है.”