नई दिल्ली : अखिल भारतीय औषधि एवं दवा विक्रेता संघ (एआईओसीडी) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर जेप्टो और ब्लिंकिट जैसे ई-फार्मेसी प्लेटफॉर्म्स द्वारा दवाओं की अवैध ऑनलाइन बिक्री और त्वरित डिलीवरी पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। एआईओसीडी 12.40 लाख से अधिक दवा विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करता है।
एआईओसीडी अध्यक्ष जेएस शिंदे और महासचिव राजीव सिंघल ने बताया कि ये प्लेटफॉर्म औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम और दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए बिना वैध दवा के पर्चे के शेड्यूल H, H1 और X टाइप दवाएं बेच रहे हैं। इससे जन स्वास्थ्य को खतरा है और युवाओं में नशे की लत बढ़ रही है, इससे बेरोजगारी भी बढ़ी है। संगठन ने घोस्ट प्रिस्क्रिप्शन (बिना वास्तविक सत्यापन के लिखी गई दवाएं) की निगरानी की कमी और प्रेगाबलीन जैसी दवाओं के दुरुपयोग को प्रमुख मुद्दे बताए।
एआईओसीडी ने आरोप लगाया कि विदेशी फंडिंग वाले स्टार्टअप दवाओं को सामान्य सामान की तरह बेचकर कानून को चकमा दे रहे हैं। संगठन ने दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगाने और कानून तोड़ने वाले ई-फार्मेसी को बंद करने की मांग की है। एआईओसीडी ने कहा कि यह सिर्फ विनियमन का मामला नहीं, बल्कि राष्ट्र के स्वास्थ्य और भविष्य की सुरक्षा का प्रश्न है। उन्होंने कहा कि हम अमित शाह के एक युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान का समर्थन करते हैं।