नई दिल्ली : भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों की बाढ़ आ गई है। कई तरह की फर्जी खबरें सामने आने के बाद सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार दोपहर आनन-फानन में बैठक बुलाई और पूरी सक्रियता के साथ इनसे निपटने के उपायों पर चर्चा की। सरकार ने भ्रामक सूचनाओं को तत्काल हटाने के आदेश दिए।
ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम दिए जाने के कुछ ही घंटे के भीतर सोशल मीडिया पर इसे लेकर कई भ्रामक सूचनाएं भी तैरने लगीं। इस पर सरकार ने तुरंत सक्रियता दिखाते हुए सोशल मीडिया मंचों से ऐसी पोस्ट और वीडियो हटवाने की कवायद तेज कर दी। सभी प्लेटफॉर्म को किसी भी तरह की भ्रामक व भड़काऊ सामग्री पर नजर रखने और जरूरत पड़ने पर उसे ब्लॉक करने के लिए कहा गया है।
सूत्रों के मुताबिक, कई तरह की फर्जी खबरें सामने आने के बाद सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार दोपहर आनन-फानन में बैठक बुलाई और पूरी सक्रियता के साथ इनसे निपटने के उपायों पर चर्चा की।
जानकारी के मुताबिक, दोनों मंत्रालयों की तरफ से सोशल मीडिया पर अपलोड की जा रही सामग्री पर लगातार नजर रखी जा रही है और उन्हें ब्लॉक कराने के लिए आवश्यक निर्देश भी जारी किए जा रहे हैं।
दोनों मंत्रालयों के अधिकारियों की बैठक में माना गया कि सोशल मीडिया मंच पर भ्रामक सूचनाओं की बाढ़ आ गई है। बड़ी संख्या में ऐसे पोस्ट और वीडियो सामने आने के बाद सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की फैक्ट चेक इकाई भी सक्रिय हो गई है।
वायरल दावों का खंडन किया जा रहा है। बतौर उदाहरण, एक पोस्ट में डीआरडीओ के वैज्ञानिक के हवाले से दावा किया गया कि ब्रह्मोस मिसाइल के कलपुर्जों में कथित तौर पर कुछ खराबी है।
इसके बाद फैक्ट चेक इकाई ने साफ किया कि ऐसा कोई वैज्ञानिक डीआरडीओ में काम ही नहीं करता है। इसी तरह, सरकार की तरफ से इस दावे को भी बेबुनियाद बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहावलपुर के पास एक भारतीय राफेल जेट मार गिराया गया है।
सरकार की तरफ से सोशल मीडिया मंच उपयोगकर्ताओं को संयम बरतने की सलाह भी दी है। आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जारी पोस्ट में कहा, गैर-सत्यापित जानकारी पर भरोसा न करें और उसे साझा करने से बचें।
सही जानकारी के लिए सरकार के आधिकारिक स्रोतों की जांच करें। पहलगाम हमले के बाद भड़काऊ सामग्री पर लगाम कसने के प्रयासों के तहत ही सरकार डॉन न्यूज, जियो न्यूज जैसे तमाम पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों को प्रतिबंधित कर चुकी है।
माना जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाकर पाकिस्तान ने एकदम सुनियोजित ढंग से अपने दुष्प्रचार तंत्र को सक्रिय कर दिया है। यह झूठी व भ्रामक डिजिटल जानकारी के जरिये हताशा को छिपाने की कोशिश है।
2021 में पंजाब के मोगा में दुर्घटनाग्रस्त मिग की तस्वीर को राफेल बताकर इसे मार गिराने का दावा किया जाना दुष्प्रचार तंत्र की एकमात्र कोशिश नहीं है। जमीनी सच्चाई से ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तान से जुड़े तमाम सोशल मीडिया अकाउंट फिर पुराने हथकंडे अपनाने पर उतर आए हैं।
पहलगाम हमले के बाद सीमा पार से साइबर हमले की कई कोशिशें की जा चुकी है, जिसे देखते हुए भारत के अहम सैन्य और बुनियादी ढांचे से जुड़े प्रमुख संस्थान पहले से ही हाई अलर्ट पर हैं। बिजली, बैंक और वित्तीय संस्थान और दूरसंचार से जुड़े संगठनों में खास तौर पर सतर्कता बरती जा रही है।