ऑपरेशन सिंदूर : दुश्मन की पोस्ट को किया तबाह, भागते नजर आए पाकिस्तानी रेंजर

Operation-Sindor

जम्मू : ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पाकिस्तान को नाको चने चबाने पर मजबूर कर दिया था। सांबा, आरएसपुरा, अखनूर और सुंदरबनी सेक्टर में बीएसएफ ने न सिर्फ पाकिस्तान की तरफ से हो रही घुसपैठ को नाकाम किया, बल्कि गोलाबारी का भी मुंहतोड़ जवाब देते हुए 70 से अधिक पोस्टों को भारी नुकसान पहुंचाया। यही नहीं घुसपैठ के लिए तैयार किए गए तीन आतंकी लॉन्च पैड को मिट्टी में मिला दिया।

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बीएसएफ जम्मू फ्रंटियर ने मंगलवार को प्रेस वार्ता की। इसमें पाकिस्तानी के खिलाफ की गई कार्रवाइयों का वीडियो दिखाया गया। इस दौरान फ्रंटियर के आईजी शशांक आनंद ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद से यह तय था कि पाकिस्तान में पल रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ भारत कार्रवाई करेगा। आतंक के खिलाफ स्ट्राइक के बाद यह भी आशंका थी कि पाकिस्तान कोई नापाक हरकत करेगा।

ऐसे में 22 अप्रैल के बाद ही हमने अपनी मुस्तैदी बढ़ा दी थी। जवानों की संख्या भी बढ़ाई थी। हालांकि, इस बीच यह देखा गया कि पाकिस्तानी रेंजर ने अग्रिम चौकियों पर आना छोड़ दिया था। सीमा पर नजदीक आने के बजाय उनकी गतिविधियां बॉर्डर आउट पोस्ट तक समिति हो गई थीं, जो सीमा से थोड़ी दूर होती हैं। बीएसएफ की रणनीति अलग थी। हमारे जवान अपनी अग्रिम चौकियों पर डटे रहे और पाकिस्तानी की हर गतिविधि पर नजर बनाए रखी।

सात मई को ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की तरफ से भारी गोलीबारी की गई। हमारी पोस्ट को निशाना बनाया गया। पाकिस्तान के ड्रोन हमलों और गोलाबारी में हमने बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज, कांस्टेबल दीपक कुमार और भारतीय सेना के नायक सुनील कुमार को खो दिया। इसके बावजूद हमारे जवान चौकियों पर डटे रहे। इसमें महिला बीएसएफ कर्मी भी थीं, जिन्होंने साहस का परिचय देते हुए दुश्मन के हर नापाक मंसूबे को नाकाम किया।

आईजी शशांक आनंद ने कहा, सात मई को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च होने से पहले ही हमने अपनी तैयारियों को पुख्ता कर लिया था। हमें अंदेशा था कि पाकिस्तान नापाक हरकत करेगा। ऐसे में हमने खुद को हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा था। जरूरी उपकरणों के साथ हथियारों की पोजीशन तय कर रखी थी। पाकिस्तान के सियालकोट जिले में लूनी, मस्कपुर, चकपुरा में आतंकी लॉन्च पैड की मैपिंग भी पहले से कर ली थी।

हमने तय किया था कि मौका मिलते ही इन लॉन्च पैड को ध्वस्त करेंगे, क्योंकि ऐसी सूचना थी कि इनसे आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं। हमने अपनी कार्रवाई से पाकिस्तान को जवाब दिया कि भारत और बीएसएफ किसी भी नापाक हरकत को सहन नहीं करेगा। पाकिस्तान ने हमारी 60 से अधिक पोस्ट को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसे हमने नाकाम किया।

आईजी ने बताया कि खुफिया एजेंसियों से बीएसएफ को इनपुट मिले थे कि सीमापार से फायरिंग की आड़ में आतंकी घुसपैठ कर सकते हैं। ऐसे में सीमा की चौकसी और बढ़ाई गई। आठ मई की रात को गश्त और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से पाकिस्तान के सियालकोट में 40-50 लोगों की गतिविधि का पता चला। बीएसएफ इसे ट्रैक करती रही।

समूह तेजी से सीमा की तरफ बढ़ रहा था। इस बीच बीएसएफ ने हमला कर दिया। इसके कुछ समय बाद ही पाकिस्तानी पोस्ट से बीएसएफ की पोस्ट पर हमला हुआ। हालांकि, हमने हर हमले को नाकाम कर दिया। बीएसएफ के डीआईजी एसएस मंड ने बताया कि इनपुट्स से पता चलता है कि हमारे हमले में कई आतंकवादी, उनके समर्थक, रेंजर्स और अधिकारी घायल हुए हैं।

सांबा में घुसपैठ की कोशिश में मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान ने नौ मई को अखनूर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलाबारी की। इसका जवाब देने की तैयारी बीएसएफ ने पहले ही की थी। हमने तय किया था कि अगर मौका मिलेगा तो अंतरराष्ट्रीय सीमा से तीन किमी दूरी पर स्थित लश्कर-ए-ताइबा के लॉन्च पैड लूनी पर हमला करेंगे।

सुंदरबनी सेक्टर के डीआईजी वरिंदर दत्ता ने बताया कि हमारे पास पुख्ता जानकारी थी कि लूनी आतंकी लॉन्च पैड से आतंकी सीमापार से फायरिंग की आड़ में घुसपैठ करेंगे। इसके बाद हमने रणनीति के तहत चार अलग-अलग मोटर पोजिशन सेट किए, जिससे दुश्मन भ्रमित हो गया। हमने एक साथ गोलीबारी की, ताकि पाकिस्तान जवाबी हमला न कर पाए। इसके कारण ही लूनी को ध्वस्त कर पाए।

डीआईजी सेक्टर मुख्यालय जम्मू चित्रपाल ने बताया कि नौ मई की शाम को आरएसपुरा सेक्टर में पाकिस्तान ने हमारी पोस्ट को टारगेट किया। वह अब्दुल्लियां गांव पर भी हमला करने की फिराक में था, क्योंकि यह रिहायशी इलाका था। हमारे जवानों ने इसका जवाब दिया। भोर में साढ़े चार बजे गोलाबारी कम हुई, तो दुश्मन ने ड्रोन की गतिविधि बढ़ाई। फिर अचानक पांच बजे पोस्ट को दोबारा निशाना बनाया।

इसके बाद हमने सीमापार मस्कपुर में एक लॉन्च पैड पूरी तरह तबाह कर दिया। हमने पाकिस्तान की उन बंकर व चौकियों को भी ध्वस्त किया, जहां से वे हमारी पोस्ट पर हमले कर रहे थे। गोलाबारी के दौरान देखा गया कि उनके जवान अपने पोस्ट को छोड़कर भाग रहे थे।

बीएसएफ जम्मू फ्रंटियर के आईजी शशांक आनंद ने कहा कि पाकिस्तान से लोहा लेते हुए बलिदान हुए दो सीमा प्रहरियों की याद और सम्मान में दो सीमा चौकियों का नाम उनके नाम पर रखेंगे। इसके साथ ही सांबा में एक पोस्ट का नाम सिंदूर रखने का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव को बल के मुख्यालय और सरकार को भेजेंगे।