नई दिल्ली : पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा पर चले संघर्ष के दौरान भारत ने अपना पक्ष साफ कर दिया है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते हैं। वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘जहां तक पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों का सवाल है, हमारा रुख स्पष्ट है।
सिर्फ दो पक्षों के ही बीच बातचीत होगी। हम दोहराना चाहेंगे कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। उन्हें भारत को उन कुख्यात आतंकवादियों को सौंपना होगा, जिनके रिकॉर्ड और सूची हमने कुछ साल पहले उन्हें सौंपी थी।
रणधीर जायसवाल ने आगे कहा, ‘जम्मू-कश्मीर पर बातचीत तभी होगी जब पीओके खाली हो जाएगा और पाकिस्तान हमें वह इलाका सौंप देगा। इसके साथ ही सिंधु जल संधि पर भी भारत का सख्त रुख रखतने हुए उन्होंने कहा- जहां तक सिंधु जल संधि का सवाल है, यह तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से त्याग नहीं देता।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात को दोहराते हुए कहा, ‘आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। आतंक और व्यापार भी एक साथ नहीं हो सकते। और पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।’
एक अलग विषय पर बोलते हुए जायसवाल ने बताया कि ईरान के तेहरान शहर में तीन भारतीय नागरिक लापता हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘तीनों भारतीय नागरिक कुछ समय पहले तेहरान पहुंचे थे, लेकिन अब उनका कोई पता नहीं चल पा रहा है। हम ईरानी अधिकारियों के संपर्क में हैं और वे हमारी सहायता कर रहे हैं।’ विदेश मंत्रालय इन तीनों नागरिकों के परिवारों के संपर्क में है और उन्हें हर संभव मदद दी जा रही है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था भारत-पाकिस्तान सीजफायर के दौरान अमेरिका ने दोनों देशों के साथ व्यापार करने की बात कही थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के दौरान अमेरिका के साथ हमारी बातचीत में व्यापार या टैरिफ का मुद्दा उठाया ही नहीं गया था। किसी भी चर्चा में इसको लेकर कोई बात नहीं हुई। विदेश मंत्री पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि संघर्ष विराम का निर्णय भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच सीधे संपर्क के माध्यम से लिया गया था।
अमेरिकी सरकार की ओर से विदेशी छात्रों के वीजा इंटरव्यू पर रोक और नियमों को सख्त बनाए जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम मानते हैं कि वीजा जारी करना एक संप्रभु कार्य है, हम आशा करते हैं कि भारतीय छात्रों के आवेदनों पर योग्यता के आधार पर विचार किया जाना चाहिए।
हमें उम्मीद है कि अमेरिका इस पर योग्यता के आधार पर ही विचार करेगा और हमारे छात्र समय पर अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों में शामिल हो सकेंगे। जायसवाल ने आगे कहा कि विदेश में भारतीय छात्रों का हित भारत सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस घटनाक्रम पर हमारी नजर है। उन्होंने यह भी बताया कि जनवरी 2025 से अब तक करीब 1080 भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किया जा चुका है। इनमें से लगभग 62 प्रतिशत लोग वाणिज्यिक उड़ानों से वापस आए हैं।