पाकिस्तान : मीथेन गैस के चलते हुआ बलूचिस्तान की कोयला खदान में विस्फोट, चार शव मिले

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नई दिल्ली : पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में कोयला खदान में हुए विस्फोट के बाद बचाव कार्य जारी है। इस हादसे में अब तक चार शव बरामद हो चुके हैं। आठ खनिक अभी भी लापता हैं और उनकी तलाश के लिए बचाव अभियान जारी है। कोयला खदान में विस्फोट की घटना नौ जनवरी की है, जब बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा से लगभग 40 किलोमीटर दूर संजदी इलाके में कोयला खदान में विस्फोट हुआ। विस्फोट से खदान ढह गई और उसमें 12 खनिक फंस गए।

मीथेन गैस की वजह से हुआ विस्फोट : बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने शनिवार को बताया, खदान में मीथेन गैस के जमा होने से विस्फोट हुआ। उन्होंने कहा कि 24 घंटे से अधिक समय से बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चल रहा था, लेकिन जहरीली गैस और मलबे की मौजूदगी के कारण बचाव अभियान की प्रगति धीमी है। रिंद ने बताया कि शुक्रवार शाम तक बचावकर्मी खदान से चार शव निकालने में सफल रहे। प्रांत के खनन विभाग के प्रमुख अब्दुल्ला शावानी ने माना कि बचे हुए आठ श्रमिकों के बचने की संभावना बहुत कम है, क्योंकि वे खदान के नीचे लगभग 1500 फीट नीचे दबे हुए थे।

हादसे की जांच शुरू : उन्होंने कहा कि खदान निजी तौर पर संचालित है और यह पता लगाने के लिए जांच की जाएगी कि विस्फोट क्यों हुआ और क्या खनन के लिए उचित नियमों का पालन किया गया या नहीं। बलूचिस्तान के खनन और वित्त मंत्री मीर शोएब नोशेरवानी ने कहा कि बचाव दल शेष खनिकों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। खदान श्रमिक संघ के नेता पीर मुहम्मद काकर ने कहा कि यह घटना कोयला खदान के मालिक और खदान विभाग के अधिकारियों द्वारा खनन नियमों को लागू नहीं करने का परिणाम है। उन्होंने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

बलूचिस्तान की खदानों में होते रहते हैं हादसे : कोयला समृद्ध पश्चिमी बलूचिस्तान में कोयला खदान ढहने और श्रमिकों की मौत की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। पिछले साल मार्च में, हरनाई में एक कोयला खदान में गैस विस्फोट में कम से कम 12 खनिक मारे गए थे। मई 2018 में, संजदी में दो कोयला खदानों के ढहने से 23 लोग मारे गए और 11 घायल हो गए थे। साल 2011 में भी 43 श्रमिकों की मौत हो गई थी जब गैस विस्फोट के कारण बलूचिस्तान की कोयला खदान ढह गई थी।