लखनऊ : महराजगंज से सात बार के सांसद और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी यूपी में भाजपा के अध्यक्ष होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय पर्यवेक्षक विनोद तावड़े व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की मौजूदगी में चौधरी ने शनिवार को भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में नामांकन दाखिल किया। प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चौधरी के अलावा किसी और ने नामांकन नहीं किया है। इसलिए उनका प्रदेश अध्यक्ष चुना जाना तय है। हालांकि उनके अध्यक्ष चुने जाने की अधिकारिक एलान रविवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और मुख्यमंत्री की मौजूदगी में डॉ, राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित ‘मेगा इंवेंट’ में किया जाएगा।
भारी गहमागहमी के बीच चौधरी के नामांकन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, प्रदेश सरकार में मंत्री सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, दारा सिंह चौहान, एके शर्मा व असीम अरुण और केंद्रीय मंत्री कमलेश पासवान ने चौधरी के नाम का प्रस्ताव किया। पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार चौधरी शनिवार को दोपहर दो बजे भाजपा मुख्यायलय पहुंचे। चौधरी के लखनऊ पहुंचते ही एयरपोर्ट पर और पार्टी कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं खासतौर से महाराजगंज से आए समर्थकों ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
यूपी भाजपा के नए अध्यक्ष के नाम को लेकर पंकज चौधरी के पार्टी कार्यालय पहुंचने तक यानि दोपहर ढाई बजे तक रहस्य बना रहा। यह तभी खत्म हुआ जब चौधरी के नामांकन की पुष्ट खबर बाहर आई। दरअसल इससे पहले सुबह 11 बजे पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति पार्टी दफ्तर पहुंचीं तो उनके नाम को लेकर अटकलें शुरू हो गईं। अध्यक्ष के नाम को लेकर अंतिम समय तक कयासबाजी होती रही। यहां तक कि पंकज चौधरी के बाद भी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत कई नामों को लेकर चर्चा चलती रही। हालांकि जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने चौधरी का नाम लिए बगैर यह कहते हुए तस्वीर साफ किया कि ‘नए अध्यक्ष 7 बार सांसद रहे हैं। वे अपने समाज में भी लोकप्रिय हैं। उन्होंने पार्टी में अहम जिम्मेदारी निभाई है।’
प्रदेश भाजपा के 17वें अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने वाले चौधरी कुर्मी बिरादरी से चौथे अध्यक्ष होंगे। इनसे पहले विनय कटियार, ओम प्रकाश सिंह और स्वतंत्रदेव सिंह भी इसी बिरादरी से अध्यक्ष रह चुके हैं।
दरअसल प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में चौधरी का नाम पहली बार चर्चा में आया था, लेकिन इसे लोग इस आधार पर खारिज कर रहे थे सीएम और अध्यक्ष एक ही क्षेत्र से नहीं हो सकता है। हालांकि शुक्रवार को चौधरी के नाम और तेजी से सामने आया, लेकिन नामांकन दाखिल होने तक भी सियासी गलियारों में कई नाम चर्चा में रहे। भाजपा के संगठनात्मक चुनाव के इतिहास के लिहाज से देखा जाए तो लक्ष्मीकांत बाजपेयी के चुनाव के बाद यह पहला मौका है,जब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के लिए चुनाव की औपचारिकता की जा रही है।
नए प्रदेश अध्यक्ष के नामांकन के लिए पार्टी कार्यालय में सुबह 11 बजे से ही चहल-पहल शुरू हो गई थी। वहीं, चौधरी के समर्थक भी सुबह से ही पहुंचने लगे थे। इसी बीच नामांकन की तैयारियों के प्रभारी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने तैयारियों का जायजा लिया मंत्री जेपीएस राठौर आदि नेताओं ने तैयारियों का जायजा लिया। चौधरी के पार्टी मुख्यालय पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे। इसके पहले दोनों उप मुख्यमंत्री व अन्य मौजूद थे। सीएम के आते ही नामांकन की प्रक्रिया पूरी कराई गई। इसके बाद सीएम चले गए।
केंद्रीय राजनीति से प्रदेश की सियासत में लौटे पंकज चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने से भाजपा के सियासत में पूर्वांचल का दखल बढ़ गया है। खास तौर से गोरखपुर क्षेत्र सत्ता का नया केंद्र बनकर उभरा है। देखा जाए तो गोरखपुर की राजनीति में योगी और पंकज चौधरी ही भाजपा के दो बड़े क्षत्रप हैं और अब तो इनमें में एक पास सरकार और एक पास के भाजपा संगठन की कमान आ गई है।
