अम्मान : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जॉर्डन के दौरे के दौरान साफ शब्दों में कहा कि भारत और जॉर्डन आतंकवाद के खिलाफ एक जैसी और स्पष्ट सोच रखते हैं। जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देश आतंकवाद, कट्टरपंथ और उग्रवाद के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं। 75 साल पुराने राजनयिक रिश्तों के बीच हुई यह मुलाकात भारत-जॉर्डन संबंधों को नई दिशा देने वाली मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय यात्रा पर जॉर्डन पहुंचे, जहां उनका हुसैनिया पैलेस में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। पहले दोनों नेताओं के बीच आमने-सामने बातचीत हुई, इसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। बातचीत में द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श हुआ। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ साझा रुख को दोहराया और सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जॉर्डन ने आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ दुनिया को मजबूत संदेश दिया है। उन्होंने क्षेत्र में शांति और स्थिरता की उम्मीद जताई। राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का समर्थन किया और हर तरह के आतंक की निंदा की। पीएम मोदी ने गाजा मुद्दे पर जॉर्डन की सक्रिय और सकारात्मक भूमिका की भी सराहना की।
दोनों देशों ने व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, आतंकवाद विरोध, उर्वरक और कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में साझेदारी और गहरी करने का फैसला किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और जॉर्डन आने वाले समय में डिजिटल तकनीक, बुनियादी ढांचे और लोगों के आपसी संपर्क को मजबूत करेंगे। उन्होंने भरोसा जताया कि यह बैठक रिश्तों को नई ऊर्जा देगी।
भारत और जॉर्डन के बीच संस्कृति, नवीकरणीय ऊर्जा, जल प्रबंधन, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और पेट्रा-एलोरा के ट्विनिंग समझौते समेत कई एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। पीएम मोदी ने बताया कि जॉर्डन भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच व्यापार 2.8 अरब डॉलर का है, जिसे अगले पांच वर्षों में 5 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। पीएम मोदी ने जॉर्डन की डिजिटल भुगतान प्रणाली को भारत की यूपीआई से जोड़ने का सुझाव भी दिया।
राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने कहा कि पीएम मोदी की यात्रा दोनों देशों के बीच दशकों पुरानी दोस्ती और आपसी सम्मान को दर्शाती है। उन्होंने आर्थिक सहयोग के नए रास्ते खोलने की जरूरत बताई। पीएम मोदी ने राजा को भारत आने का न्योता दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। 37 साल बाद हो रही इस पूर्ण द्विपक्षीय यात्रा को दोनों देशों के रिश्तों में एक नया अध्याय माना जा रहा है।
