नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारतीय पादरी जॉर्ज जैकब कूवाकाड को पोप फ्रांसिस द्वारा रोमन कैथोलिक चर्च का कार्डिनल बनाया जाना भारत के लिए बहुत खुशी और गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि जॉर्ज कार्डिनल कूवाकाड ने ईसा मसीह के अनुयायी के रूप में मानवता की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा एक पोस्ट में लिखा, ‘यह भारत के लिए बहुत खुशी और गर्व की बात है! माननीय जॉर्ज जैकब कूवाकाड को पोप फ्रांसिस द्वारा रोमन कैथोलिक चर्च का कार्डिनल बनाए जाने पर मुझे बहुत खुशी है।’
भारतीय कार्डिनल्स की संख्या बढ़कर छह हुई : शनिवार को वेटिकन में आयोजित एक भव्य समारोह में 51 वर्षीय कूवाकाड को पोप फ्रांसिस द्वारा कार्डिनल के पद पर पदोन्नत किया गया। प्रसिद्ध सेंट पीटर बेसिलिका में आयोजित इस समारोह में दुनिया भर के पादरी और गणमान्य लोगों ने भाग लिया, जिसमें विभिन्न देशों के 21 नए कार्डिनल्स को शामिल किया गया। समारोह में पोप ने सभा को संबोधित किया और कार्डिनल बनाए गए पादरियों को औपचारिक टोपी और अंगूठी सौंपी, उसके बाद प्रार्थना के साथ प्रमाण पत्र दिया।
कूवाकाड की नियुक्ति के बाद वेटिकन में भारतीय कार्डिनल्स की कुल संख्या छह हो गई है। भारत सरकार ने इस समारोह में शामिल होने के लिए केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल भेजा। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने समारोह शुरू होने से पहले पोप फ्रांसिस से भी मुलाकात की।
कौन हैं जॉर्ज कूवाकाड : जॉर्ज कूवाकाड का जन्म 11 अगस्त 1973 को तिरुवनंतपुरम में हुआ था। उन्हें 24 जुलाई 2004 को पादरी नियुक्त किया गया था। उन्होंने प्रतिष्ठित पोंटिफिकल इकलेसियास्टिकल एकेडमी से कूटनीतिक सेवा का प्रशिक्षण लिया था। कूवाकड ने अल्जीरिया, दक्षिण कोरिया, ईरान, कोस्टा रिका और वेनेजुएला जैसे देशों में चर्च के कूटनीतिक कार्यों में अहम भूमिका निभाई है। वह 2020 से वेटिकन के सचिवालय में पोप की वैश्विक यात्राओं का आयोजन कर रहे हैं।