नई दिल्ली : ब्रिटेन और मालदीव की अपनी यात्रा से लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु पहुंच गए हैं। वे तूतीकोरिन में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। पीएम मोदी ने यहां 4800 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित किया।
वहीं तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे हैं। पीएम मोदी रविवार को तिरुचिरापल्ली के गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में दोपहर 12 बजे महान चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती समारोह और आदी तिरुवथिरा उत्सव में भाग लेंगे।
पीएम मोदी की आधिकारिक बयान के अनुसार, मालदीव की राजकीय यात्रा के बाद प्रधानमंत्री सीधे तूतीकोरिन पहुंचे। यहां उन्होंने कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण किया। ये परियोजनाएं क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, रसद दक्षता, स्वच्छ ऊर्जा ढांचे और तमिलनाडु के नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएंगीं।
प्रधानमंत्री ने विश्वस्तरीय हवाई अड्डा ढांचे के विकास और कनेक्टिविटी बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत तूतीकोरिन हवाई अड्डे पर 450 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया। 17,340 वर्ग मीटर में फैला यह टर्मिनल व्यस्त समय के दौरान 1,350 यात्रियों और सालाना 20 लाख यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा।
100 प्रतिशत एलईडी लाइटिंग, ऊर्जा-कुशल विद्युत से युक्त यांत्रिक प्रणालियों, और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से जल पुनर्चक्रण के साथ यह टर्मिनल जीआरआईएचए-4 स्थिरता रेटिंग प्राप्त करेगा। इस परियोजना से तमिलनाडु में पर्यटन, व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा।
सड़क व बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में प्रधानमंत्री ने दो महत्वपूर्ण राजमार्ग परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं। पहली परियोजना एनएच-36 के सेथियाथोप-चोलपुरम खंड की 50 किमी की 4-लेन वाली सड़क है। इसे विक्रवंडी-तंजावुर कॉरिडोर के तहत 2,350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। इसमें तीन बायपास, कोल्लिदम नदी पर एक किमी का चार-लेन पुल, चार प्रमुख पुल, सात फ्लाईओवर और कई अंडरपास शामिल हैं।
इससे सेथियाथोप और चोलपुरम के बीच यात्रा समय 45 मिनट तक कम हो जाएगा। दूसरी परियोजना एनएच-138 तूतीकोरिन पोर्ट रोड की 5.16 किमी की 6-लेनिंग है। इसे लगभग 200 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसमें अंडरपास और पुल शामिल हैं।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। इससे पहले सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में स्टालिन ने कहा था कि ‘अस्पताल में होने की वजह से उन्होंने मुख्य सचिव के जरिए एक याचिका भेजी है, जिसे मुख्य सचिव प्रधानमंत्री मोदी को देंगे।’ पीएम मोदी मालदीव का दौरा पूरा कर आज तमिलनाडु पहुंचेंगे, जहां वे 4800 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने कहा कि केंद्र सरकार थूथुकुडी में पुराने टर्मिनल को कार्गो टर्मिनल में बदलने की योजना बना रहा है। ताकि जिले में किसानों, मछुआरों, व्यापारियों और छोटे उद्योगों के लिए नई संभावनाएं खोली जा सकें। वर्तमान में समुद्री खाद्य कोच्चि और बंगलूरु तक ले जाया जाता है। इस समर्पित कार्गो टर्मिनल के साथ थूथुकुडी समुद्री खाद्य निर्यात केंद्र बन सकता है।
पीएम नरेंद्र मोदी के थूथुकुडी हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन के उद्घाटन मौके पर उन्होंने किा कि कन्याकुमारी जिले में 70 किलोमीटर दूर थोवलाई फूल बाजार है। वे अभी तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे का उपयोग करते हैं। भविष्य में आप दुनिया भर में फूलों की ताजा खुशबू भेज सकते हैं। केला और ताड़ उत्पादक भी नए कार्गो टर्मिनल का उपयोग कर सकेंगे, जिसे हम यहां बनाएंगे। हमने कार्गो क्षेत्र के लिए 2047 तक 21 मिलियन मीट्रिक टन उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय कार्गो टर्मिनलों के लिए ‘एक हवाई अड्डा, एक उत्पाद’ पहल पर काम करेगा। हम कार्गो सेवाओं को सुव्यवस्थित करने जा रहे हैं ताकि क्षेत्र के सर्वोत्तम उत्पादों को देश और दुनिया के अन्य हिस्सों में पहुंचाया जा सके। पड़ोसी जिलों के महत्वपूर्ण स्थानों को थूथुकुडी से जोड़ा जाएगा।”
उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे के नए टर्मिनल पर 300 किलोवाट का सौर ऊर्जा संयंत्र चालू किया गया है। यह परियोजना अगले दस वर्षों में 4,000 से 5,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करेगी। यह 10 हजार पौधे लगाने के बराबर है। सिर्फ थूथुकुडी हवाईअड्डा ही नहीं, हमने यह काम अन्य राज्यों तिरुचिरापल्ली और चेन्नई में भी किया है। हवाईअड्डे का आर्थिक प्रभाव बुनियादी ढांचे से कहीं आगे तक जाता है। मोदी सरकार ने पिछले दस वर्षों में हर 50 दिन में एक हवाईअड्डा चालू किया है। किसी अन्य देश ने ऐसा नहीं किया है।
विमानन क्षेत्र में वृद्धि ने 2017 से अब तक नौकरियों की संख्या में 102 प्रतिशत की वृद्धि की है। इसका अर्थ है कि अगले तीन से चार वर्षों में पांच लाख से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। ये हवाई अड्डे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के परिवर्तनकारी कारक हैं। भारत ने मात्र दस वर्षों में अपना आकार दोगुना कर लिया है। मुझे गर्व है कि विमानन इस विकास में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। हमने देश में हवाई अड्डों, विमानों और हवाई यात्रियों की संख्या दोगुनी कर दी है।