धनबाद : असर्फी अस्पताल में सुनी गई PM मोदी के “मन की बात”, समाजसेवी हरेंद्र सिंह रहे उपस्थित  

PM-Modi-Mann-Ki-Baat-Asarfi-hospital

धनबाद-NewsXpoz : शहर के असर्फी हॉस्पिटल कैंपस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के “मन की बात” कार्यक्रम के 113 वां एपिसोड का सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया गया। जिसमे कोयलांचल के समाजसेवी सह CEO हरेंद्र सिंह अपने समर्थकों के साथ उपस्थित रहकर उनके विचारों को सुना।  

कार्यक्रम के उपरान्त समाजसेवी हरेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी जी के विचार लोगों के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि “मन की बात” कार्यक्रम न केवल सरकार की नीतियों और योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, बल्कि यह समाज को सकारात्मक दिशा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हरेंद्र सिंह ने मौके पर समाज के सभी वर्गों से प्रधानमंत्री मोदी के विचारों को आत्मसात करने और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया।

PM मोदी ने कहा – पशुओं के प्रति प्रेम के मामले में युवा पीछे नहीं हैं : पीएम मोदी ने कहा ‘पशुओं के प्रति प्रेम के मामले में अरुणाचल प्रदेश के हमारे युवा साथी भी किसी से पीछे नहीं हैं. अरुणाचल में हमारे कुछ युवा साथियों ने 3-डी प्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. जानते हैं क्यों? क्योंकि वे जंगली जानवरों को उनके सींग और दांतों के लिए शिकार होने से बचाना चाहते हैं… नबाम बापू और लिखा नाना के नेतृत्व में टीम जानवरों के विभिन्न अंगों की 3-डी प्रिंटिंग का काम करती है’

पीएम मोदी ने असम की एक सच्ची कहानी सुनाई : पीएम मोदी ने आगे कहा कि ‘असम में एक सच्ची कहानी सामने आ रही है. असम के तिनसुकिया जिले के एक छोटे से गांव बरेकुरी में मोरन समुदाय के लोग रहते हैं. और इसी गांव में हूलॉक गिबन्स रहते हैं… उन्हें वहां ‘होलो बंदर’ कहा जाता है. हूलॉक गिबन्स ने इस गांव को अपना ठिकाना बना लिया है. आपको जानकर हैरानी होगी- इस गांव के लोगों का हूलॉक गिबन्स से गहरा नाता है. गांव के लोग आज भी अपने पारंपरिक मूल्यों का पालन करते हैं. इसलिए उन्होंने गिबन्स के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. जब उन्हें पता चला कि गिबन्स को केले बहुत पसंद हैं, तो उन्होंने अपने खेतों में केले उगाना शुरू कर दिया.’

दुनिया के सबसे ऊंचे चेनाब रेलवे ब्रिज पर निकाली गई तिरंगा रैली : पीएम मोदी ने कहा कि ‘750 मीटर लंबे झंडे के साथ एक तिरंगा रैली निकाली गई… यह रैली दुनिया के सबसे ऊंचे चेनाब रेलवे ब्रिज पर निकाली गई. जिसने भी ये तस्वीरें देखीं, उनका दिल खुशी से झूम उठा. हम सभी ने श्रीनगर की डल झील पर तिरंगा यात्रा की मनमोहक तस्वीरें देखीं. अरुणाचल प्रदेश के ईस्ट कामेंग जिले में 600 फीट लंबे तिरंगे के साथ यात्रा निकाली गई. इसी तरह देश के अन्य राज्यों में भी हर उम्र के लोगों ने ऐसी तिरंगा यात्राओं में हिस्सा लिया.’

हर घर तिरंगा अभियान शिखर को प्राप्त कर लिया है : पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि ‘हर घर तिरंगा और पूरा देश तिरंगा अभियान ने अपने शिखर को प्राप्त कर लिया है. देशभर से इस अभियान से जुड़ी अद्भुत तस्वीरें सामने आई हैं. हमने घरों के ऊपर, स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में भी तिरंगा फहराते देखा. कुछ लोगों ने अपनी दुकानों, दफ्तरों… लोगों ने अपने डेस्कटॉप, मोबाइल और वाहनों पर भी तिरंगा फहराया. जब लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए हाथ मिलाते हैं, तो यह किसी भी अभियान को अद्वितीय गौरव प्रदान करता है.’

इस तरह के प्रयास हमारे लोकतंत्र को और मजबूती देंगे : प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि ‘कुछ युवाओं ने लिखा है कि उनके पास जमीनी स्तर पर काम करने का अच्छा अनुभव है. इसलिए वे लोगों की समस्याओं को सुलझाने में मददगार हो सकते हैं. कुछ युवाओं ने यह भी लिखा है कि वंशवादी राजनीति नई प्रतिभाओं को कुचल देती है. कुछ युवाओं ने कहा है कि इस तरह के प्रयास हमारे लोकतंत्र को और मजबूती देंगे. मैं इस विषय पर सुझाव भेजने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त करता हूं. मुझे उम्मीद है कि अब हम सबके सामूहिक प्रयासों से ऐसे युवा भी राजनीति में आगे आ सकेंगे, जिनका कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है… उनका अनुभव और उनका जोश देश के काम आएगा. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी ऐसे कई लोग आगे आए थे, जिनका कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था. उन्होंने भारत की आजादी के लिए कदम बढ़ाया. एक बार फिर हमें विकासशील भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उसी जज्बे की जरूरत है.’

युवाओं की एक बड़ी संख्या राजनीति में आने के लिए उत्सुक : पीएम मोदी ने कहा ‘इस वर्ष लाल किले से मैंने एक लाख ऐसे युवाओं से राजनीतिक व्यवस्था से जुड़ने का आग्रह किया है, जो राजनीतिक पृष्ठभूमि से नहीं हैं. मेरी इस बात को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है. इससे हमें पता चलता है कि हमारे युवाओं की एक बड़ी संख्या राजनीति में आने के लिए उत्सुक है. उन्हें बस सही अवसर और सही मार्गदर्शन की तलाश है. इस विषय पर मुझे देशभर के युवाओं से पत्र भी मिले हैं. सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है. लोगों ने मुझे कई तरह के सुझाव भेजे हैं. कुछ युवाओं ने अपने पत्रों में लिखा है कि उनके लिए यह सचमुच अकल्पनीय है. अपने दादा या माता-पिता की ओर से कोई राजनीतिक विरासत न होने के कारण वे चाहते हुए भी राजनीति में नहीं आ सके.’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *