नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ लगाकर भारत को धमकी दे रहे हैं. मगर भारत वॉकओवर देने के मूड में नहीं लग रहा है. 25 प्रतिशत टैरिफ और रूस से तेल खरीदने पर अतिरिक्त पेनल्टी लगाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों को एक मिसेज दिया है. अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का जिक्र करते हुए देशवासियों से अपील की कि वे स्वदेशी वस्तुओं को अपनाएं और लोकल सामान ही खरीदें. उनका यह संदेश ऐसे समय में आया है जब भारत-अमेरिका के व्यापारिक संबंध बहुत ही नाटकीय मोड़ पर हैं.
असल में वाराणसी पहुंचे पीएम मोदी ने कहा कि आज जब वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चितताओं से घिरी है ऐसे में देश को आत्मनिर्भरता की ओर कदम और तेज करने होंगे. उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है और इसके लिए हर नागरिक को स्वदेशी को प्राथमिकता देनी होगी. ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को फिर से दोहराते हुए उन्होंने कहा कि जो भी खरीदें खुद से पूछें कि क्या इसे किसी भारतीय ने अपने पसीने से बनाया है. यही असली देश सेवा है.
पीएम मोदी ने काशी के बनौली गांव में ₹2200 करोड़ से अधिक की विकास योजनाओं की शुरुआत की और पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त के तहत ₹20500 करोड़ से अधिक की राशि 97 मिलियन किसानों के खाते में ट्रांसफर की. इसी दौरान उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए पाकिस्तान को चेताया कि अब अगर कोई दुस्साहस करेगा तो जवाब यूपी में बने मिसाइलों से मिलेगा. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक नीति को भगवान शिव के ‘रूद्र रूप’ से जोड़ा.
मोदी का यह स्वदेशी संदेश त्योहारी और शादी के सीजन से पहले आया है जिसमें उन्होंने लोगों से कहा कि इस बार की सारी खरीदारी भारतीय उत्पादों से ही करें. उन्होंने याद दिलाया कि पहले भी उनकी अपील के बाद कई लोगों ने विदेश में शादी की योजना छोड़कर उसे भारत में मनाया था. पीएम ने कहा कि स्वदेशी का भाव ही भविष्य तय करेगा और यही महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
उधर ट्रंप प्रशासन के टैरिफ ऑर्डर के तहत भारत अब उन देशों में शामिल हो गया है जिनके उत्पादों पर भारी शुल्क लगाया जाएगा. अमेरिका को भारत से हर साल $86.5 बिलियन का निर्यात होता है और अभी भारत को $41 बिलियन का ट्रेड सरप्लस है. भले ही फार्मा इलेक्ट्रॉनिक्स और ऊर्जा क्षेत्र को फिलहाल छूट मिली हो. मगर एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में निर्यात पर असर दिखेगा.