नई दिल्ली : यूक्रेन जाने से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत अशांत क्षेत्र में शांति का समर्थन करता है. उन्होंने दोहराया कि ‘यह युद्ध का युग नहीं है’ और किसी भी संघर्ष को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए. पोलैंड की राजधानी में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘दशकों तक भारत की नीति सभी देशों से दूरी बनाकर रखने की रही थी. हालांकि आज के भारत की नीति सभी देशों के करीब रहने की है.’
उन्होंने ‘मोदी-मोदी’ के नारों के बीच कहा, ‘भारत भगवान बुद्ध की धरती है. इसलिए भारत इस क्षेत्र में स्थायी शांति का समर्थक है. हमारा रुख बहुत स्पष्ट है – यह युद्ध का युग नहीं है. यह उन चुनौतियों के खिलाफ एक साथ आने का समय है जो मानवता को खतरे में डालती हैं. इसलिए, भारत कूटनीति और संवाद में विश्वास करता है.’
मोदी ने कहा, ‘आज का भारत सभी से जुड़ना चाहता है. आज का भारत सभी के विकास की बात करता है. आज का भारत सभी के साथ है और सभी के हितों के बारे में सोचता है.’ मोदी ने कहा कि अगर किसी देश पर संकट आता है तो भारत सबसे पहले मदद के लिए हाथ बढ़ाता है. उन्होंने कहा, ‘जब कोविड आया, तो भारत ने कहा – मानवता पहले. हमने दुनिया के 150 से अधिक देशों को दवाइयां और टीके भेजे. जहां कहीं भी भूकंप या कोई आपदा आती है तो भारत का एक ही मंत्र होता है- मानवता पहले.’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का पूरा ध्यान गुणवत्तापूर्ण विनिर्माण और गुणवत्तापूर्ण मानवशक्ति पर है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा, ‘बजट 2024 में, हमने युवाओं के कौशल और रोजगार सृजन को सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया है और हम भारत को शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार का केंद्र बनाना चाहते हैं.’ मोदी ने याद करते हुए कहा कि जब दो दशक पहले गुजरात में भूकंप आया था, तो सबसे पहले सहायता करने वाले देशों में से एक पोलैंड था.
PM मोदी की यह टिप्पणी कीव की यात्रा से पहले आई है. वर्ष 1991 में यूक्रेन के स्वतंत्र होने के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस देश की यह पहली यात्रा होगी. प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन की यात्रा पर जा रहे हैं. मोदी ने कहा कि वह यूक्रेन के नेता के साथ, संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर अपने विचार साझा करेंगे. मोदी की कीव यात्रा मॉस्को की उनकी यात्रा के लगभग छह सप्ताह बाद हो रही है. मोदी की मॉस्को यात्रा की अमेरिका और उसके कुछ पश्चिमी सहयोगियों ने आलोचना की थी.
उन्होंने कहा, ‘पोलैंड के लोगों ने जाम साहब और उनके परिवार के सदस्यों को बेहद प्रेम और सम्मान दिया है, और गुड महाराजा स्क्वायर इसका प्रमाण है. आज, मैंने डोबरी महाराजा स्मारक और कोल्हापुर स्मारक का दौरा किया. इस अवसर पर, मैं ऐलान करना चाहता हूं कि भारत ने जाम साहब मेमोरियल यूथ एक्शन प्रोग्राम शुरू करने का फैसला किया है.’ इस कार्यक्रम के तहत, भारत सालाना 20 पोलिश युवाओं को भारत आने के लिए आमंत्रित करेगा.
मोदी ने कहा कि उन्होंने मोंट कैसीनो स्मारक पर भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जो हजारों भारतीय सैनिकों के बलिदान की याद दिलाता है. उन्होंने कहा, ‘यह इस बात का प्रमाण है कि भारतीयों ने दुनिया के हर कोने में अपना कर्तव्य कैसे निभाया है.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का भारत अपने मूल्यों और विरासत पर गर्व करते हुए विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा, ‘हम भारतीय अपने प्रयासों, कार्यों और सहानुभूति के लिए जाने जाते हैं. हम जहां भी जाते हैं, हम भारतीयों को अधिकतम प्रयास करते हुए देखा जा सकता है. चाहे वह उद्यमिता हो या सेवा क्षेत्र हो, भारतीय अपने प्रयासों से देश का नाम रोशन कर रहे हैं.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जल्द अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करेगा. उन्होंने पोलैंड की कबड्डी टीम की उपलब्धियों के लिए उसकी प्रशंसा भी की.