झारखंड : ‘2047 तक विकसित भारत के लिए शोध-नवाचार जरूरी’-राष्ट्रपति मुर्मू

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रांची/जमशेदपुर : झारखंड दौरे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए शोध, नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है। यहां राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के 15वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखा है और इस लक्ष्य को पूरा करने में युवाओं की भूमिका अहम होगी।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार शोध, नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चला रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि एनआईटी को शोध और नवाचार पर अधिक ध्यान देना चाहिए, ताकि भारत एक ज्ञान महाशक्ति बन सके। इस वर्ष विभिन्न संकायों में कुल 1,112 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं, जिनमें 722 स्नातक, 303 अंडरग्रेजुएट और 78 पोस्टग्रेजुएट शामिल हैं। इसके अलावा, एक डी-लिट, एक मानद पीएचडी, दो स्वर्ण पदक और 16 रजत पदक भी उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए प्रदान किए गए।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल अच्छा पैकेज या प्लेसमेंट पाना नहीं है, बल्कि यह भी है कि आपके काम से समाज के कितने लोगों का जीवन सकारात्मक रूप से प्रभावित हो। उन्होंने कहा कि तकनीक ने जहां बड़े बदलाव लाए हैं, वहीं इसके दुरुपयोग से साइबर अपराध और ई-कचरे जैसी समस्याएं भी बढ़ी हैं, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि एनआईटी जैसे संस्थानों को इन चुनौतियों के समाधान पर काम करना चाहिए और सतत विकास तथा प्रभावी कचरा प्रबंधन के लिए बहु-हितधारक दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया।

इससे पहले दिन में राष्ट्रपति ने पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर के बाहरी इलाके करनडीह स्थित दिशोम जाहेरथान प्रांगण में संथाली भाषा के ‘पारसी महा’ (भाषा दिवस) और संथाली लिपि ‘ओल चिकी’ की शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया। राष्ट्रपति रविवार रात तीन दिवसीय दौरे पर झारखंड पहुंची थीं। मंगलवार को वह गुमला जाएंगी, जहां अंतरराज्यीय जनसांस्कृतिक समागम समारोह कार्तिक जात्रा’ को संबोधित करेंगी।