नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्नाटक के कारवार नेवल बेस से भारत की छठी और आखिरी कलवरी-क्लास सबमरीन INS वाघशीर (S26) पर ऐतिहासिक समुद्री यात्रा की. राष्ट्रपति मुर्मू, जो इंडियन आर्म्ड फोर्सेज के सुप्रीम कमांडर हैं, उनके साथ चीफ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और इंडियन नेवी के दूसरे अधिकारी भी थे.
इसके साथ ही राष्ट्रपति मुर्मू कलवरी-क्लास सबमरीन पर यात्रा करने वाली पहली महिला राष्ट्राध्यक्ष बन गई हैं. वह पूर्व राष्ट्रपति (दिवंगत) एपीजे अब्दुल कलाम के बाद सबमरीन में यात्रा करने वाली दूसरी राष्ट्राध्यक्ष भी हैं. कलाम ने 13 फरवरी, 2006 को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में सबमरीन में यात्रा की थी.
इससे पहले, राष्ट्रपति ने इंडियन एयर फोर्स (IAF) के दो एयरक्राफ्ट की उड़ान भरी थी. अप्रैल 2023 में, उन्होंने असम के तेजपुर में एयर फोर्स स्टेशन पर सुखोई Su-30 MKI फाइटर जेट की ऐतिहासिक उड़ान भरी थी. एयरक्राफ्ट को 106 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन नवीन कुमार ने उड़ाया था.
राष्ट्रपति ने फाइटर प्लेन से भी भरी थी उड़ान : बाद में, इस साल 29 अक्टूबर को, उन्होंने हरियाणा के अंबाला में एयर फोर्स स्टेशन पर रफाल फाइटर जेट की एक सॉर्टी की. रफाल जेट को 17 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी ने उड़ाया था. इसके साथ, मुर्मू भारत के अकेले ऐसे प्रेसिडेंट बन गईं, जिन्होंने IAF के दो फाइटर जेट की सॉर्टी की.
अपनी सॉर्टी के बाद मुर्मू ने कहा था, “मैं इंडियन एयर फोर्स के रफाल एयरक्राफ्ट पर अपनी पहली उड़ान के लिए एयर फोर्स स्टेशन अंबाला आकर बहुत खुश हूं. रफाल पर सॉर्टी मेरे लिए एक यादगार अनुभव है.” “ताकतवर रफाल एयरक्राफ्ट पर इस पहली उड़ान ने मुझमें देश की रक्षा क्षमताओं पर गर्व की एक नई भावना पैदा की है.”
जानें कैसे खास है INS वाघशीर : INS वाघशीर की बात करें तो, यह इंडियन नेवी की कलवरी-क्लास डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक सबमरीन है जिसे मुंबई की मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) ने फ्रांस के नेवल ग्रुप से लाइसेंस लेकर बनाया है. इसका इस्तेमाल एंटी-सरफेस और एंटी-सबमरीन ऑपरेशन करने के साथ-साथ इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकॉनिसेंस (ISR) मिशन के लिए भी किया जा सकता है. INS वाघशर में छह वेपन लॉन्चिंग ट्यूब हैं और जो टॉरपीडो और मिसाइल समेत 18 हथियार ले जा सकता है, प्रोजेक्ट-75 के सफल पूरा होने का निशान है.
