जालंधर : जालंधर सेंट्रल विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक रमन अरोड़ा को विजिलेंस ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार कर लिया। विजिलेंस की टीम ने सुबह 8:45 बजे अरोड़ा के अशोक नगर स्थित घर पर रेड की। विधायक अरोड़ा कहीं काम से जा रहे थे। विजिलेंस ने उन्हें गली के मोड़ पर ही रोक लिया और घर ले जाकर उनके सामने छानबीन की गई।
इस दौरान विजिलेंस की टीम ने डेढ़ किलो सोना, 6 लाख कैश और करोड़ों की प्रॉपर्टी के दस्तावेज जब्त किए। शाम करीब 4.15 बजे विजिलेंस रमन अरोड़ा को गिरफ्तार कर साथ ले गई। टीम ने नोट गिनने वाली मशीन भी मंगवाई थी। विजिलेंस की टीम कोठी ने जब निकली तो उनके हाथों में अटैची और बैग थे।
इससे पहले विजिलेंस ने असिस्टेंट टाउन प्लानर सुखदेव वशिष्ठ को गिरफ्तार किया था। पूछताछ ने रमन अरोड़ा का नाम सामने आया था। सुखदेव ने बताया था कि दोनों ने मिलीभगत कर शहर में वसूली की है। इसके बाद विजिलेंस ने रमन अरोड़ा के खिलाफ कार्रवाई की।
आरोप हैं कि विधायक रमन अरोड़ा ने जालंधर नगर निगम के जरिये लोगों को झूठे नोटिस भिजवाए। फिर लाखों रुपये लेकर उन नोटिसों को रफा-दफा करा दिया। एसएसपी विजिलेंस हरप्रीत सिंह मंडेर खुद विधायक की कोठी पर पहुंचे थे।
रमन अरोड़ा पर एक्शन की तैयारी पहले ही शुरू हो चुकी थी। सरकार ने कुछ दिन पहले ही उनकी सुरक्षा में तैनात 14 गनर वापस ले लिए थे। सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई को अंजाम दिया है। सीएम भगवंत मान का कहना है कि चाहे उनकी पार्टी का नेता हो या काेई और, भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विधायक अरोड़ा के समधी राजू मदान के बस्ती गुजा स्थित घर पर भी विजिलेंस की टीम पहुंची। घर पर ताला लगा होने की वजह से विजिलेंस को लौटना पड़ा। इसके बाद एक टीम विधायक के पीए के यहां पहुंची और उन्हें भी हिरासत में ले लिया है। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है।
कोई भी अधिकारी या राजनेता, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, भ्रष्टाचार जैसे जघन्य अपराध के लिए बख्शा नहीं जाएगा। विधायक रमन अरोड़ा के भ्रष्टाचार के नेटवर्क में नगर निगम के जो भी अधिकारी शामिल हैं, उन अफसरों को भी नहीं छोड़ेंगे। मीडिया से बातचीत में सीम भगवंत मान ने यहा बात कही।
सीएम ने कहा कि किसी सत्ताधारी पार्टी का हिस्सा होना या विपक्षी दल से जुड़े होने से किसी अफसर या नेता को भ्रष्टाचार करने का लाइसेंस नहीं मिल जाता। भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी भी तरह की संलिप्तता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।