रांची : झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सोमवार को सदन का माहौल बेहद गर्म रहा। विपक्षी विधायकों के लगातार शोर-शराबे और नारेबाजी के बीच वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 7721.25 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट सदन में प्रस्तुत किया।
विपक्ष लगातार सरकार पर जनहित के मुद्दों की अनदेखी, वित्तीय कुप्रबंधन और विकास योजनाओं में सुस्ती के आरोप लगाता रहा, जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही कई बार बाधित हुई।
अनुपूरक बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि राज्य में विभिन्न विभागों और योजनाओं को सुदृढ़ करने के लिए अतिरिक्त बजट प्रावधान बेहद आवश्यक थे।
उन्होंने बताया कि इस राशि का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, ग्रामीण विकास, सड़क निर्माण, सामाजिक सुरक्षा और अधोसंरचना से जुड़ी महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर किया जाएगा। मंत्रियों का कहना था कि अनुपूरक बजट से कई रुकी हुई योजनाओं को गति मिलेगी और जनता को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
हालांकि, दूसरी ओर विपक्ष का आरोप था कि सरकार बजट का सही उपयोग नहीं कर पा रही है। उनका कहना था कि कई योजनाएं सिर्फ कागजों पर चल रही हैं और जनता तक उनका लाभ नहीं पहुंच रहा है। इसी को लेकर विपक्षी दलों ने सदन के भीतर ही ज़ोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामा इतना बढ़ गया कि शांति बहाल करने के कई प्रयास नाकाम रहे।
लगातार शोरगुल और अव्यवस्था को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन हालात सामान्य न होने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही को मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया।
