भीलवाड़ा : शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर सोमवार से भीलवाड़ा शहर में गरबा महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इस बार आयोजन समितियों ने प्रवेश को लेकर विशेष नियम लागू किए हैं। पांडाल में आने वाले हर व्यक्ति को तिलक लगाना और आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य किया गया है। वहीं, महिलाओं और युवतियों से पारंपरिक परिधान पहनकर ही महोत्सव में शामिल होने की अपील की गई है।
शहर में लगभग 60 स्थानों पर गरबा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसके अलावा 12 से अधिक स्थानों पर डांडिया वर्कशॉप भी आयोजित हो रही हैं। आयोजकों ने इस बार अन्य समुदायों के लोगों की एंट्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। इस व्यवस्था में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य संगठनों ने भूमिका निभाई है।
गरबा पांडालों के प्रवेश द्वार पर विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता तैनात रहेंगे। वे आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का आधार कार्ड जांचेंगे और तिलक लगाकर प्रवेश देंगे। इसके साथ ही आयोजन स्थल की पवित्रता बनाए रखने के लिए गंगाजल और गोमूत्र का छिड़काव भी किया जाएगा।
गरबा आयोजन समिति की सदस्य और पूर्व पार्षद खुशबू शुक्ला ने कहा कि मां दुर्गा की आराधना के इस अवसर पर महिलाओं और युवतियों को पारंपरिक ड्रेस में ही आना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जींस और शॉर्ट टॉप की बजाय शालीन परिधान ही उपयुक्त हैं।
पार्षद प्रतिनिधि देवेंद्र हाड़ा ने कहा कि प्रवेश नियमों को लेकर पांडालों के मुख्य द्वार पर बैनर लगाए गए हैं, ताकि लोग पहले से अवगत हो सकें। उन्होंने इन कदमों को आयोजन की सुरक्षा और गरिमा बनाए रखने के लिए आवश्यक बताया।
बजरंग दल के सह विभाग संयोजक आशीष दाधीच ने कहा कि गरबा महोत्सव पूरी तरह हिंदू आयोजन हैं और इसमें अन्य समुदाय के लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। उनका कहना था कि यह पहल महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा तथा महोत्सव की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए की गई है। आयोजन समितियों ने सभी भक्तों से अपील की है कि वे निर्धारित नियमों का पालन करें और भक्ति भाव से गरबा महोत्सव में शामिल हों।