नई दिल्ली : भाजपा ने पश्चिम बंगाल में भी भव्य राम मंदिर बनाने का एलान कर दिया है। ये एलान तृणमूल कांग्रेस के सांसद हुमायूं कबीर के उस बयान के बाद किया गया है, जिसमें उन्होंने राज्य में बाबरी जैसी मस्जिद बनाने की बात कही थी।
हालांकि भाजपा नेता अग्निमित्र पॉल ने कहा कि राम मंदिर बनाने के फैसले को मस्जिद वाले एलान से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कबीर के बाबरी मस्जिद वाले बयान पर आपत्ति भी जताई।
पॉल ने कहा कि उन्होंने पहले भी हिंदू समुदाय को लेकर कई भड़काने वाले बयान दिए थे, लेकिन उन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। पॉल ने कहा, ‘राम मंदिर, मस्जिद के एलान के बाद नहीं बनाया जा रहा है। बाबरी मस्जिद भी बन सकती है और राम मंदिर भी बन सकता है।
पॉल ने आगे कहा, ‘लेकिन जिस व्यक्ति ने बाबरी मस्जिद बनाने की बात कही है, उसने पहले यह भी कहा था कि हिंदुओं का कत्लेआम कर भागीरथी में फेंक दिया जाएगा। लेकिन इसके लिए न तो उन्हें सजा हुई और न ही कारण बताओ नोटिस दिया गया।’
उन्होंने ममता बनर्जी पर राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का आरोप भी लगाया। पॉल ने कहा कि ‘इन बयानों के पीछे ममता बनर्जी हैं। वह वोट बैंक के लिए दूसरा बांग्लादेश बनाना चाहती हैं। राम मंदिर बनेगा। हम अयोध्या में राम मंदिर के एक साल पूरा होने का जश्न मनाएंगे और बरहमपुर में शिलान्यास किया जाएगा।’
भाजपा नेता शंकर घोष ने भी कबीर के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘मंदिर बनना स्वाभाविक है। यह हमारी संस्कृत की निशानी है। मस्जिद उनसे जुड़ी है, जिन्होंने हम पर हमला किया। बांग्लादेश में इस समुदाय की विचारधारा जाहिर कर दी है। मंदिर बनाने के फैसले को मस्जिद से जोड़ना सही नहीं है। बाबरी मस्जिद का अपना इतिहास रहा है। बंगाल में इसे कैसे बनाया जा सकता है।’
इसके पहले विधायक हुमायूं कबीर ने अपने बयान को लेकर कहा था कि ‘बाबरी मस्जिद से मुस्लिमों की भावनाएं जुड़ी हैं। यह बाबर ने बनवाया था। हम सभी को पता है कि 1992 में बाबरी मस्जिद को ढहा दिया गया। 30 साल बाद भी बाबरी मस्जिद दोबारा नहीं बन सकी। 2019 के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन दी थी। वहां भी मस्जिद जल्द बनेगी।’
बंगाल में प्रस्तावित मस्जिद को लेकर लग रहे आरोपों पर भी कबीर ने सफाई दी। उन्होंने कहा, ‘लोग कह रहे है कि मुर्शिदाबाद में उकसाने के लिए नई बाबरी मस्जिद बनाई जाएगी। लेकिन इसमें कोई समस्या नहीं है। पूछा जा रहा है कि मस्जिद के लिए जमीन कहां खरीदी जाएगी, तो मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हमने राज्य सरकार ने जमीन के लिए संपर्क नहीं किया है। न ही हमारी इच्छा सरकारी अनुदान पर जमीन लेने की है।’
कबीर ने कहा कि ‘एक ट्रस्ट बनाया जाएगा, जिसमें शामिल लोग तय करेंगे कि जमीन कहां खरीदी जाए। यह ट्रस्ट के पैसों से खरीदी जाएगी। प्रक्रिया में सभी कानूनों का पालन किया जाएगा। यह आस्था का मामला है और किसी को परेशान नहीं होना पड़ेगा।’